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200 नई वंदे भारत, सस्ती यात्रा पर जोर... जानें बजट में रेलवे को क्या मिला?

रेलवे मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, आने वाले दो से तीन वर्षों में 200 नए वंदे भारत ट्रेन, 100 अमृत भारत ट्रेन, 50 नमो भारत रैपिड रेल और 17,500 जनरल नॉन-एसी कोच जोड़े जाएंगे.

बजट में रेलवे को क्या मिला. बजट में रेलवे को क्या मिला.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:34 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट स्पीच में भले ही रेलवे का खुलकर जिक्र न किया हो लेकिन इस बार के बजट में रेलवे को 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस आवंटन और बजट को 'शानदार' बताते हुए कहा कि भारतीय रेलवे के लिए यह रकम महत्वपूर्ण है. रेलवे मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, आने वाले दो से तीन वर्षों में 200 नए वंदे भारत ट्रेन, 100 अमृत भारत ट्रेन, 50 नमो भारत रैपिड रेल और 17,500 जनरल नॉन-एसी कोच जोड़े जाएंगे.

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आगामी वित्तीय वर्ष के लिए रेलवे का बजट पिछले साल जैसा ही रखा गया है, जिसमें ₹2.52 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है. हालांकि, इसमें ₹10,000 करोड़ का आवंटन अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से किया गया है, जिसका इस्तेमाल रेलवे की लागतों को पूरा करने और उसके आधुनिकीकरण के लिए किया जाएगा. इसका मतलब है कि कुल पूंजीगत व्यय ₹2.62 लाख करोड़ रहेगा.


क्या बोले रेल मंत्री

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे अब अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है और वह इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 160 करोड़ टन माल ढुलाई करने वाला दूसरा सबसे बड़ा माल ढुलाई नेटवर्क बन जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लेगा. वहीं, भारतीय रेलवे ने सस्ती यात्रा के लिए 17,500 नॉन-एसी जनरल और स्लीपर कोच बनाने की योजना का ऐलान किया.

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यह पहल 2025 के रेल बजट का हिस्सा है, जिसका मकसद कम आय वर्ग के यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाना है.

अमृत भारत ट्रेनों का जिक्र

भारतीय रेलवे ने अमृत भारत ट्रेनों का भी जिक्र किया है. जो एक नई पीढ़ी की नॉन-एसी ट्रेन सेट्स हैं, जिन्हें चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा विकसित किया गया है. सरकार ने 100 ऐसे ट्रेन सेट बनाने की बात कही है. ताकि यात्रियों को सस्ती यात्रा मिल सके.

दुर्घटना को कम करने के लिए उठाए जाएंगे ये उपाय

यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारतीय रेलवे ने अगले पांच वर्षों में आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोचों से एलएचबी (लिंके-हॉफमैन-बुश) कोचों में पूरी तरह से बदलाव करने की योजना बनाई है.

LHB कोच क्यों?

1. बेहतर सुरक्षा मानक: एलएचबी कोचों को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे दुर्घटना के समय नुकसान कम होने का अनुमान है.
2. ये पारंपरिक आईसीएफ कोचों की तुलना में अधिक आरामदायक हैं. जिसमें कम झटके और शोर होता है.
3. एलएचबी कोचों की लाइफलाइन लंबी है. इन्हें कम रखरखाव की आवश्यकता होती है.

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