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Ashneer Grover के वो 5 काम, जिसने लिखी BharatPe की सफलता की कहानी!

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 10:31 PM IST
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फिनटेक कंपनी भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने मंगलवार को कंपनी से विदा ली. शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) शो में बतौर शार्क शामिल हुए ग्रोवर का एक गालियों वाला ऑडियो वायरल हुआ था (Ashneer Grover Viral Audio), जिसके बाद विवाद शुरू हुआ. फिर वो लंबी छुट्टी पर चले गए और अब उन्हें अपनी ही कंपनी छोड़ना पड़ी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने 5 कौन-से ऐसे काम किए जिससे BharatPe इतनी बड़ी सक्सेस बन गई.
 

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दुकानदारों की परेशानियों को समझा
BharatPe से पहले इंडिया में जितने भी डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म थे, वो सभी कस्टमर की जरूरत को ध्यान में रखकर तैयार किए गए थे, ना कि दुकानदारों की जरूरत के हिसाब से. ऐसे में दुकानदार को अलग-अलग प्लेटफॉर्म से डिजिटल पेमेंट रिसीव करने के लिए अलग-अलग QR Code लगाने पड़ते थे. ग्रोवर और उनके साथ भारतपे के को-फाउंडर रहे साश्वत नाकरानी ने मार्केट की इस जरूरत को समझा और UPI पर आधारित एक ऐसा QR Code डेवलप किया जिससे दुकानदारों को सिर्फ एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से अन्य सभी प्लेटफॉर्म से पेमेंट रिसीव करने में मदद मिली. इससे पहले पूरी तरह UPI बेस्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म गूगल ने Tej लॉन्च किया था, लेकिन इसकी तब पहुंच दुकानदारों तक कम ही थी.

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दुकानदारों से नहीं लिया वसूला चार्ज
BharatPe ने दुकानदारों की एक और बड़ी समस्या आ अंत किया, उनसे कोई चार्ज की वसूली ना करके. BharatPe के अगस्त 2018 में काम शुरू करने से पहले जो डिजिटल पेमेंट कंपनियां दुकानदारों से हर ट्रांजेक्शन पर 0.6% से लेकर 1% तक का चार्ज वसूल रही थीं. BharatPe ने अपने क्यूआर कोड के माध्यम से इस चार्ज को खत्म कर दिया और कंपनी की कमाई के लिए दूसरा तरीका निकाला.

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लोन बिजनेस से कमाया रेवेन्यू
जब भारतपे ने काम करना शुरू किया तो सबसे बड़ा प्रश्न ये उठा कि उसकी कमाई कैसे होगी. अभी भी Paytm और PhonePe जैसे बड़े प्लेटफॉर्म हर महीने बड़ी मात्रा में कैश बर्न (Cash Burn) कर रहे हैं और सही रिवेन्यू मॉडल पर नहीं आ पाए हैं. BharatPe ने इसका समाधान निकाला माइक्रो लोन बिजनेस में उतरकर. ग्रोवर ने देखा कि छोटे दुकानदार डिजिटल पेमेंट के ट्रांजैक्शन के लिए शुल्क देने के तैयार नहीं है, लेकिन अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए छोटे लोन और उस पर ब्याज देने को तैयार हैं. बैंक से लोन लेना उनके लिए एक बड़ा झंझट है और इसी समस्या का समाधान करते हुए उन्होंने BharatPe के प्लेटफॉर्म के माध्यम से दुकानदारों को लोन देना शुरू किया और इस पर मिलने वाले 1% के ब्याज को अपना रिवेन्यू मॉडल बनाया.

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प्रतिदिन की EMI पर लोन वापसी
BharatPe ने दुकानदारों की लोन से जुड़ी एक और बड़ी समस्या का समाधान किया. दुकानदारों के लिए महीने की किस्त के तौर पर लोन की ईएमआई (EMI) चुकाना थोड़ा मुश्किल काम है, लेकिन रोजाना के खर्च के तौर पर वो लोन की ईएमआई चुका सकते हैं. BharatPe ने अपने प्लेटफॉर्म पर दुकानदारों को ये सुविधा दी. इसका फायदा ये हुआ कि उसके लोन को वापस चुकाने की दर (Repayment Rate of Loans) 96% है. कंपनी 20,000 से 7 लाख रुपये तक का लोन 12 महीने के लिए देती है. कंपनी हर महीने करीब 3 करोड़ रुपये का लोन दुकानदारों को बांटती है.

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दुकानदारों को दिए क्रेडिट कार्ड
अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड मिलना आसान है. लेकिन दुकानदारों विशेषकर रिटेल शॉप वालों और छोटे कारोबारियों को क्रेडिट कार्ड कंपनियां आसानी से कार्ड नहीं देती. BharatPe ने समय के साथ अपनी ऑफरिेंग को बढ़ाते हुए दुकानदारों के लिए BharatPe Debit और Credit Card लॉन्च किए. इस पर उन्हें हर ट्रांजैक्शन पर 1% तक के कैशबैक का ऑफर भी दिया.  इस कार्ड पर दुकानदारों को 30 दिन के लिए 25,000 रुपये तक का ब्याज मुक्त क्रेडिट मिलता है. इससे BharatPe को अपना बिजनेस पूरी से B2B पर फोकस करने और दुकानदारों के लिए वन स्टॉप फिनटेक बनाने में मदद मिली. 

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