दिल्ली की आबादी करीब 3 करोड़ है. देश के तमाम बड़े नेता समेत दुनिया भर के लोग दिल्ली में रहते हैं. लेकिन क्या वाकई दिल्ली देश में रहने के लिए बेहतर जगह है? इस सवाल के पीछे शहरों की Ease of Living रैंकिंग की ताजा रिपोर्ट है. जो भारत सरकार द्वारा जारी की गई है. जिसमें दिल्ली को टॉप-10 में जगह नहीं मिल पाई है. (Photo: File)
10 लाख से अधिक आबादी वाले टॉप 10 शहरों की लिस्ट
दरअसल, 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले रहने लायक (Livability index) की श्रेणी में 49 शहरों का आंकलन किया गया. इस लिस्ट में कर्नाटक के बेंगलुरु का पहला स्थान आया है. जबकि पुणे और अहमदाबाद नंबर 2 और तीन पर हैं. इस लिस्ट में राजधानी दिल्ली टॉप 10 शहरों में शामिल नहीं है, दिल्ली इसमें 13वें स्थान पर है. टॉप 10 की सूची इस प्रकार है: बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नवी मुंबई, कोयंबटूर, वडोदरा, इंदौर और ग्रेटर मुंबई. (Photo: File)
10 लाख से कम आबादी वाले टॉप 10 शहरों की लिस्ट
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह इंडेक्स जारी किया. 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में शिमला ने पहला पायदान हासिल किया है. 10 लाख से कम आबादी वाले टॉप 10 शहरों की लिस्ट इस प्रकार है: शिमला, भुवनेश्वर, सिलवासा, काकीनाडा, सालेम, वेल्लोर, गांधीनगर, गुरुग्राम, देवनागेर और तिरुचिपल्ली. (Photo: File)
बेस्ट म्युनिसिपल परफॉर्मेंस की लिस्ट
10 लाख से अधिक आबादी वाले म्युनिसिपल परफॉर्मेंस की लिस्ट में सूरत नंबर -1 पर है. उसके बाद भोपाल, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे, अहमदाबाद, रायपुर, ग्रेटर मुंबई, विशाखापट्टनम और वडोदरा है. जबकि 10 लाख से कम आबादी वाले म्युनिसिपल परफॉर्मेंस की लिस्ट में नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, तिरुपति, गांधीनगर, करनाल, सालेम, तिरुप्पुर, बिलासपुर, उदयपुर, झांसी और तिरुनेलवेली है. (Photo: File)
इन 13 सवालों के जवाब से तय होते हैं बेस्ट सिटी
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (ईओएलआई) की रैंकिंग से पहले शहर का शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, डब्ल्यूएएसएच और एसडब्ल्यूएम, गतिशीलता, सुरक्षा, मनोरंजन, आर्थिक विकास का स्तर, आर्थिक अवसर, पर्यावरण, ग्रीन स्पेस और भवन, ऊर्जा खपत, और शहर का लचीलापन जैसी 13 श्रेणियों में आंकलन किया जाता है. इन 13 कैटेगरी से रहने के लिए बेहतर शहरों की 70 फीसदी सूची तैयार हो जाती है. (Photo: File)
जानकारी के मुताबिक, ईज ऑफ लिविंग 2020 की रैंकिंग को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है. सरकार के मुताबिक, इस बार इस प्रतियोगिता में कुल 111 शहरों ने हिस्सा लिया था. 10 लाख से अधिक आबादी वाले रहने लायक की श्रेणी में 49 शहरों का आंकलन किया गया. इसमें श्रीनगर को सबसे आखिरी स्थान मिला. (Photo: File)
यह मूल्यांकन 16 जनवरी-2020 से 20 मार्च- 2020 तक आयोजित किया गया था. इस सर्वेक्षण में 111 शहरों के कुल 32.2 लाख नागरिकों ने भाग लिया था. बता दें कि भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहरों, म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में साफ-सफाई, ईज़ ऑफ लिविंग समेत कई अन्य मसलों को लेकर रैंकिंग जारी की जाती है. (Photo: File)
2018 में हुई थी रैंकिंग की शुरुआत
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स की शुरुआत 2018 में की गई थी. 2018 के बाद शहरों की ये दूसरी रैंकिंग है. शहरों को आंकने के मुख्य रूप से तीन पिलर्स हैं, रैंकिंग में रहने की गुणवत्ता के लिए 35 फीसदी अंक, आर्थिक योग्यता के लिए 15 फीसदी अंक, और विकास की स्थिरता को लेकर 20 फीसदी अंक तय किए गए हैं. बाकी 30 फीसदी लोगों के बीच किए सर्वे से तय किए गए थे.