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CII का सर्वे: दूसरी लहर से कितना नुकसान? जानें- टॉप की 119 कंपनियों की राय

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST
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कोरोना की दूसरी लहर लोगों की जान पर बेशक बेहद भारी पड़ी हो. लेकिन देश की अर्थव्यवस्था पर इसका ज्यादा असर नहीं हुआ है. CII के एक सर्वे में देश की टॉप 119 कंपनियों के CEOs के हवाले से ये दावा किया गया है. इस सर्वे के मुताबिक पहली लहर के मुकाबले इस बार बिक्री और निर्यात पर मामूली असर हुआ है. 
 

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हिल स्टेशंस पर टूरिस्ट की भीड़, बाजारों में बढ़ती चहल-पहल, ऑनलाइन डिलीवरी कंपनियों के पास क्षमता से ज्यादा ऑर्डर, ये सब बता रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के कहर से अर्थव्यवस्था तेजी से उबरने के लिए तैयार है. इस थ्योरी पर अब CII के एक सर्वे ने भी मुहर लगा दी है. 

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CII के सर्वे में कहा गया है कि दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन का फोकस सामाजिक आयोजनों और भीड़भाड़ को सीमित करने के लिए लगाया गया था. इसके असर से आर्थिक गतिविधियों पर भी ज्यादा असर नहीं हुआ. जानकारों का भी मानना है कि दूसरी लहर के दौरान कारोबार को लेकर जो डर था वो रिकवरी की रफ्तार देखकर दूर हो गया है. 

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CII के सर्वे में दावा किया गया है कि दूसरी लहर के प्रभाव से अर्थव्यवस्था ज्यादा तेजी से उबरेगी. पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था की तेजी पर सीमित असर होने का दावा इस सर्वे में किया गया है. सर्वे में शामिल 60 फीसदी CEOs ने कहा कि उनकी कंपनी की बिक्री में सुधार महामारी की पहली लहर के मुकाबले तेजी से होगा. 
 

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81 फीसदी CEOs का मानना है कि पहली लहर की तरह इस बार उनके एक्सपोर्ट पर ज्यादा असर नहीं होगा. 60 फीसदी CEOs का कहना है कि उनकी कंपनियों ने दूसरी लहर के दौरान अपने ऑपरेशंस को घटाया है. CII के CEO सर्वे में 119 टॉप कंपनियों के विचारों को शामिल किया गया है. 

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इस बीच नीति आयोग ने भी भरोसा जताया है कि इस साल देश की विकास दर दोहरे अंकों में रहेगी. ये बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि बीते कुछ हफ्तों में फिच-मूडीज समेत ज्यादातर रिसर्च और रेटिंग एजेंसियों ने देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 10 फीसदी से कम कर दिया है. 

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वहीं नीति आयोग को यकीन है कि अब हालात में सुधार के साथ निजी निवेश रफ्तार पकड़ेगा. स्टील, सीमेंट और रियल एस्टेट जैसे कुछ सेक्टर्स में क्षमता विस्तार का हवाला देकर वहां निवेश बढ़ने की मिसाल भी नीति आयोग ने दी है. 

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सर्वे में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर राहत पैकेजों और टीकाकरण की तेज रफ्तार से डिमांड बेहतर है. सर्वे के मुताबिक दूसरी लहर के आर्थिक गतिविधियों पर असर को कम करने और कंज्यूमर सेंटीमेंट्स को मजबूत करने के लिए वैक्सीनेशन सबसे जरुरी है. 

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