कोरोना संकट में आर्थिक गतिविधियों का ठप रहना कॉरपोरेट जगत के लिए भारी पड़ा है. एक अनुमान के अनुसार इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून में 3100 कंपनियों को करीब 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.
असल में पहली तिमाही में इन सभी कंपनियों ने कुल मिलाकर 6,911 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में इन कंपनियों को 95,950 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इस तरह उनको एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
कॉरपोरेट कंपनियां पहले से ही परेशान थीं, क्योंकि उनकी आय इसकी पिछली तीन तिमाहियों से गिर रही थी और कोरोना महामारी ने संकट को और बढ़ा दिया. सबसे ज्यादा नुकसान खनन कंपनियों को हुआ है. खनन कंपनियों की आय में 48 फीसदी और मुनाफे में 88 फीसदी की भारी गिरावट आई है.
इसी तरह मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की आय में 43 फीसदी और मुनाफे में 67 फीसदी की गिरावट आई है. कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट कंपनियों की कुल आय में 43.5 फीसदी और गैर वित्तीय राजस्व में 26 फीसदी की गिरावट आई है.(फोटो: शेखर घोष)
पहली तिमाही में करीब 50 फीसदी कंपनियों ने अपने नतीजों में घाटा दिखाया है. करीब 25 फीसदी को अपनी कमाई में काफी निराशा का सामना करना पड़ा है, क्योंकि पिछले साल जून तिमाही में उन्हें मुनाफा हुआ था, जबकि इस साल जून तिमाही में उन्हें मुनाफा हुआ है.
कोरोना के दौरान आर्थिक गतिविधियों के ठप होने और उपभोग में गिरावट की वजह से मांग में भी भारी कमी आई है, जिसकी वजह से इन कंपनियों की कमाई पर तगड़ी चोट पड़ी है. इन कंपनियों की कुल आय में जून 2020 की तिमाही में 38.2 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई, जबकि जून 2019 की तिमाही में इनकी आय में 2.2 फीसदी की बढ़त हुई थी. (फोटो: शेखर घोष) (www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)