लॉकडाउन के दौरान जब सबकुछ ठप पड़ा था तब मिडिल क्लास का बोझ बढ़ गया. दरअसल, लोन लेने वाले मिडिल क्लास की सबसे बड़ी चिंता मासिक किस्त यानी ईएमआई थी. इस चिंता को ध्यान में रखकर रिजर्व बैंक ने छह माह के लिए लोन मोरेटोरियम की सुविधा शुरू की. इसके तहत लोन को 31 अगस्त तक के लिए टाल देने की सुविधा दी गई. हालांकि, इस सुविधा के एवज में लोगों से एक्स्ट्रा ब्याज यानी चक्रवृ़द्धि ब्याज भी वसूला जा रहा था. लेकिन इसके खिलाफ आगरा के एक शख्स ने अपने बेटे के साथ मिलकर मुहिम छेड़ी और अब इसका फायदा उन सभी लोगों को मिलेगा जो लोन मोरेटोरियम का फायदा ले रहे थे.
ये शख्स आगरा के गजेंद्र शर्मा हैं. आगरा की संजय प्लेस मार्केट में चश्मे की शोरूम चलाने वाले गजेंद्र शर्मा के बेटे अलीगढ़ यूनिविर्सटी से लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं. पिता और पुत्र दोनों ने मिलकर लोन मोरेटोरियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस याचिका को कोर्ट ने मंजूर कर लिया और सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई. इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने चक्रवृ़द्धि ब्याज को नहीं लेने या जिनसे वसूला जा चुका है उन्हें लौटाने का वादा किया है.
Aajtak.in से बातचीत के दौरान गजेंद्र शर्मा ने कहा कि बैंकों, खासतौर पर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का ब्याज बहुत ज्यादा है. लोन लेने वाले लोगों को आधी बातें बताई जाती हैं और इसके बदले जमकर ब्याज वसूली की जाती है. लॉकडाउन के दौरान लोन मोरेटोरियम की शर्तों को सुनकर हैरानी हुई. एक दिन बेटे से सलाह लेकर मैंने याचिका दायर करने की योजना बनाई.
गजेन्द्र शर्मा के मुताबिक सरकार को ये समझना चाहिए कि लॉकडाउन के दौरान हमारा कारोबार बंद हुआ था, इसमें कहीं से हमारी कामचोरी नहीं थी. ऐसे में हम क्यों इसका खामियाजा भुगतें. गजेंन्द्र शर्मा बताते हैं कि शुरू में तो लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था और इसका नतीजा है कि आज मेरी वजह से लाखों लोगों को फायदा हो रहा है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद सरकार ने ब्याज पर ब्याज वापस करने का ऐलान किया है और इसके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि वह 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज खुद वापस करेगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसे जल्द से जल्द करना चाहिए. ऐसे में सरकार ने इसके लिए 4 नवंबर तक की डेडलाइन रखी है.