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अप्रैल-दिसंबर के बीच आया रिकॉर्ड FDI, सरकार ने कहा- सही कदम का परिणाम

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST
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भारत के आर्थिक विकास में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) एक अहम भूमिका रही है. यह बिना कर्ज लिए पूंजी जुटाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है. सरकार का प्रयास रहा है कि वह एक सक्षम और निवेशक अनुकूल FDI नीति लागू करे. (Photo: File)
 

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दरअसल केंद्र सरकार लगातार एफडीआई नीति को निवेशकों के लिए और अधिक अनुकूल बनाने और निवेश के रास्ते में आने वाली नीतिगत अड़चनों को दूर करने के लिए फैसले ले रही है. सरकार द्वारा निवेश प्रक्रिया सरल और बिजनेस करना आसान करने जैसे उठाए गए कदमों का ही परिणाम है कि देश में एफडीआई प्रवाह बढ़ गया है. (Photo: File)

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सरकार के मुताबिक पिछले साढ़े 6 साल में इस दिशा में उठाए गए कदमों का परिणाम है कि देश में एफडीआई प्रवाह लगातार, रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ता जा रहा है. एफडीआई क्षेत्र में लगातार उदारीकरण और सरलीकरण की नीति के तहत सरकार ने विभिन्न सेक्टर में एफडीआई से संबंधित सुधार किए हैं. (Photo: File)

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अप्रैल से दिसंबर- 2020 के दौरान 67.54 अरब अमेरिकी डॉलर का एफडीआई देश में आया है. यह किसी वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में आया सबसे अधिक एफडीआई है. वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि की तुलना में एफडीआई 22 फीसदी बढ़ा है. इस दौरान 55.14 अरब डॉलर का एफडीआई आया था. (Photo: File)

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वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 9 महीनों के दौरान इक्विटी के जरिए आने वाले एफडीआई में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो कि इस अवधि में 51.47 अरब अमेरिकी डॉलर था. वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में इक्विटी के जरिए 36.77 अरब अमेरिकी डॉलर FDI आया था. (Photo: File)
 

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अकेले वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 26.16 अरब अमेरिकी डॉलर का एफडीआई आया है, जो कि 2019-20 में आए एफडीआई 19.09 अरब डॉलर की तुलना में 37 फीसदी ज्यादा है. इसी तरह केवल दिसंबर 2020 में 9.22 अरब अमेरिकी डॉलर का एफडीआई आया है, जो कि दिसंबर 2019 के 7.46 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में 24 फीसदी ज्यादा है. (Photo: File)

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