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रियल एस्टेट पर कोरोना की मार, घर बनने और बिकने की रफ्तार पर ब्रेक

aajtak.in
  • 22 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:24 PM IST
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रियल एस्टेट के लिए साल 2020 बेहद खराब रहा है. इस सेक्टर में कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है. लेकिन कोरोना संकट की वजह से कंस्ट्रक्शन पर ब्रेक लगा तो इसका असर रोजगार पर भी पड़ा. यही नहीं, कोरोना की मार से घर की बिक्री भी घटी है. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 47 प्रतिशत घटकर 1.38 लाख इकाई रहने का अनुमान है. (Photo: File)

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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 में नए घर तैयार होने की रफ्तार भी 46 प्रतिशत घटकर 1.28 लाख इकाई रहने का अनुमान है. यह सर्वेक्षण देश के सात बड़े प्रॉपर्टी मार्केट में किया गया है. इनमें दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), पुणे, बेंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता के नतीजे शामिल हैं.
 

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एनारॉक ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 2020 के दौरान इन सात शहरों में कुल 1.38 लाख मकानों की बिक्री होने का अनुमान है, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 2.61 लाख इकाई था. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में नए मकानों की आपूर्ति घटकर 1.28 लाख इकाई रह गई, जो 2019 में 2.37 लाख इकाई थी. हालांकि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान मकानों की बिक्री में अच्छा सुधार देखने को मिला.

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एनरॉक के अध्यक्ष अनुज पुरी का कहना है कि कोरोना की वजह से 2020 एक अप्रत्याशित वर्ष था, जिससे चौतरफा उथल-पुथल रही. हालांकि, 2020 की अंतिम दो तिमाहियों में आवासीय क्षेत्र में तेजी आई. महामारी के चलते अपने घर की चाहत भी बढ़ी है. (Photo: File)
 

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बिक्री बढ़ानी है तो घटाओ टैक्स
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष निरंजन हीराचंदानी के मुताबिक, संपत्तियों के पंजीकरण पर स्टांप शुल्क घटाने से घरों की बिक्री को प्रोत्साहन दिया जा सकता है. महामारी के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से संपत्तियों के पंजीकरण पर स्टांप शुल्क में कटौती की गई है. इस फैसले से राज्य में आवासीय बिक्री को बढ़ावा मिलेगा. उनकी सलाह है कि दूसरे राज्यों को भी इसी राह पर आगे बढ़ना चाहिए. (Photo: File)

(इंडिया टुडे के लिए शुभम शंखधर की रिपोर्ट)

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