पिछले करीब दो महीने से किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं. सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक 11वें दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. (Photo: File)
इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत में हाल में लागू कृषि कानूनों में किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है, लेकिन साथ ही कमजोर किसानों को सामाजिक सुरक्षा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि को सुधारों की जरूरत है. (Photo: File)
वॉशिंगटन स्थित वैश्विक वित्तीय संस्थान की मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां सुधार की जरूरत है. भारत सरकार ने पिछले साल सितंबर में तीन कृषि कानूनों को लागू किया था, और इन्हें कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है, जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की आजादी देगा. (Photo: File)
गीता गोपीनाथ ने नए कृषि कानूनों पर एक सवाल के जवाब में कहा कि ये कृषि कानून खासतौर से विपणन क्षेत्र से संबंधित हैं. इनसे किसानों के लिए बाजार बड़ा हो रहा है. अब वे बिना कर चुकाए मंडियों के अलावा कई स्थानों पर भी अपनी पैदावार बेच सकेंगे, और हमारा मानना है कि इसमें किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है. (Photo: File)
उन्होंने कहा कि जब भी कोई सुधार किया जाता है, तो उससे होने वाले बदलाव की एक कीमत होती है. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इससे कमजोर किसानों को नुकसान न पहुंचे. यह सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराई जा सकती है. अभी एक फैसला किया गया है, और देखना होगा कि इसका क्या नतीजा सामने आता है. (Photo: File)