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मोदी सरकार का एक और राहत पैकेज, इन चार कदमों से मिलेगी इकोनॉमी को बूस्ट!

aajtak.in
  • 12 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST
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कोरोना संकट के दौरान अर्थव्यवस्था पर असर को देखते हुए मोदी सरकार ने सोमवार को एक और राहत पैकेज का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चार ऐसे कदमों का ऐलान किया, जिनसे अर्थव्यवस्था को तेजी मिलने की उम्मीद है. 
 

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गौरतलब है कि इस वित्त वर्ष की पहली यानी जून तिमाही में भारत की जीडीपी में करीब 24 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई थी. इसे देखते हुए यह लगातार एक्सपर्ट कह रहे थे कि सरकार को अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के और उपाय करने होंगे.

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इसके पहले मई में ही मोदी सरकार करीब 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान कर चुकी है. पीएम मोदी ने खासतौर से रुचि लेते हुए लगातार बैठकें की थीं और इकोनॉमी को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ का पैकेज लाने का ऐलान किया था.  

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नए ऐलान के मुताबिक सरकार ने इकोनॉमी में मांग बढ़ाने के लिए कुल चार कदम उठाये हैं. 1. सरकारी कर्मचारियों के एलटीसी के बदले कैश वाउचर्स, 2. कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस देना, 3. राज्य सरकारों को 50 साल तक के लिए बिना ब्याज कर्ज, 4. बजट में तय पूंजीगत व्यय के अलावा केंद्र द्वारा 25 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करना. 

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वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि इन सारे कदमों से अर्थव्यवस्था में 31 मार्च 2021 तक करीब 73 हजार करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी. उन्होंने कहा कि अगर निजी क्षेत्र ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी तो इकोनॉमी में कुल मांग 1 लाख करोड़ रुपये के पार हो सकती है. 

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LTC कैश वाउचर्स स्कीम: सरकारी कर्मचारियों के लिए यात्रा अवकाश रियायत (LTC) की कैश वाउचर्स स्कीम सरकार लेकर आई है. इसके तहत सरकारी कर्मचारी को नकद वाउचर मिलेगा जिससे वो खर्च कर सकेंगे और इससे अर्थव्यवस्था में भी बढ़त होगी. इसका लाभ पीएसयू और सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा.  वित्त मंत्री ने बताया कि इससे केंद्र और राज्य कर्मचारियों के खर्च के द्वारा करीब 28 हजार करोड़ रुपये की मांग इकोनॉमी में पैदा होगी. 

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फेस्टिवल एडवांस:  वित्त मंत्री ने बताया कि फेस्टिवल एडवांस स्कीम को फिर एक बार सिर्फ इसी साल के लिए शुरू किया जा रहा है. यह योजना छठे वेतन आयोग तक लागू थी, लेकिन सातवें वेतन आयोग में इसे खत्म कर दिया गया था. इसके तहत 10 हजार रुपये का एडवांस सभी तरह के कर्मचारियों को मिलेगा, जिसे वे 10 किस्त में जमा कर सकते हैं. यह 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध रहेगा. यह प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा. 

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राज्यों को 50 साल तक का बिना ब्याज का लोन: वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजीगत बढ़ाने के लिए 50 साल का ब्याज रहित लोन राज्यों को दिया जाएगा. यह करीब 12 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा. इसके तीन हिस्से होंगे -2500 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर, उत्तराखंड और हिमाचल को दिए जाएंगे. इसके बाद 7500 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक दिए जाएंगे. तीसरा 2,000 करोड़ रुपये का हिस्सा उन राज्यों को मिलेगा जो कि आत्मनिर्भर भारत के तहत हुए ऐलान  में से कम से कम 3 सुधार लागू करेंगे. यह पूरा लोन 31 मार्च 2021 से पहले दिया जाएगा. यह राज्यों को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा. 

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केंद्र सरकार का कैपिटल एक्सपेंडीचर बजट बढ़ाया गया: वित्त मंत्री ने बताया कि इस साल बजट में तय केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय के अलावा सरकार अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह खासकर सड़क, डिफेंस संबंधी बुनियादी ढांचा, जलापूर्ति, शहरी विकास, डिफेंस के देश में बने कैपिटल इक्विपमेंट के लिए होगा. 

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