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अब गोबर के पेंट से चमकेगी दीवारें, सरकार ने गिनाए ये आठ फायदे

aajtak.in
  • 12 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST
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आज भी ग्रामीण इलाकों में गाय के गोबर से घर, आंगन और दीवार को लीपा जाता है. अब गाय के गोबर से बना पेंट लॉन्च किया गया है.  केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस नए तरह के पेंट (रंग) को लॉन्च किया. गाय के गोबर से बना पेंट खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने तैयार किया है. 

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यह एक पर्यावरण के अनुकूल, गैर विषाक्त पेंट है, जिसे 'खादी प्राकृतिक पेंट' नाम दिया गया है. यह अपनी तरह का पहला उत्पाद है, जिसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण समाहित हैं. इस पेंट को अंदर और बाहर दोनों ही दीवारों पर लगाया जा सकता है. डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट दोनों ही सफेद आधार रंग (बेस कलर) में उपलब्ध हैं, और उचित रंगों के मिश्रण से कोई भी रंग बनाया जा सकता है. 

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लॉन्च कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि यह प्रयास किसानों की आय को बढ़ाने वाले प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. उन्होंने कहा कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का इतना प्रभावशाली प्रयास है, जिससे शहरों में रह रहे ग्रामीणों का फिर से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर पलायन शुरू हो जाएगा.
 

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पेंट की सस्ती दरों (डिस्टेंपर केवल 120 रुपये प्रति लीटर और इमल्सन केवल 225 रुपये प्रति लीटर) के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ये कीमतें बड़ी कंपनियों द्वारा वसूली जाने वाली कीमतों की तुलना में आधे से भी कम हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस पेंट के निर्माण और विपणन में सरकार की भूमिका केवल एक सूत्रधार की है, वास्तव में इस पेंट का निर्माण और विपणन पेशेवर तरीके से किया जाएगा और इसे देश के प्रत्येक हिस्से तक पहुंचाया जाएगा.

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खादी प्राकृतिक पेंट दो रूपों में उपलब्ध है- डिस्टेंपर पेंट और प्लास्टिक इमल्शन पेंट. इस परियोजना की परिकल्पना मार्च 2020 में केवीआईसी के अध्यक्ष ने की थी, और बाद में इसे केवीआईसी की यूनिट के रूप में काम करने वाले कुमारप्पा राष्ट्रीय हस्तनिर्मित कागज संस्थान जयपुर ने विकसित किया.
 

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इस पेंट में शीशा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम जैसी अन्य कोई भी भारी धातु नहीं है. ये स्थानीय स्तर पर निर्माण को बढ़ावा देगा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से स्थाई स्थानीय रोजगार सृजित करने में मदद करेगा. इस तकनीक से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के निर्माण लिए कच्चे माल के रूप में गोबर की खपत बढ़ेगी. जिससे किसानों और गौशालाओं के लिए अतिरिक्त राजस्व के अवसर बढ़ेंगे. गाय के गोबर के उपयोग से पर्यावरण स्वच्छ होगा और नालियों के अवरुद्ध होने जैसी समस्या भी खत्म होगी.

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खादी प्राकृतिक डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट का परीक्षण देश की तीन प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में किया गया है. इस पेंट ने परीक्षण के दौरान 'एप्लिकेशन ऑफ पेंट, थिनिंग प्रॉपर्टीज, ड्राइंग टाइम एंड फिनिश' जैसे तमाम पैमानों को सफलतपूर्वक पूरा किया है. यह 4 घंटे से भी कम समय में सूखता है और बेहतर तरीके से सतह पर लगता है. 

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