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BSNL से लेकर रेलवे तक, जानें किसके मोनेटाइजेशन से कितना कमाएगी सरकार? एक-एक एसेट का यहां देखें पूरा ब्योरा

दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली ,
  • 26 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सोमवार को 6 लाख करोड़ रुपये की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) योजना का ऐलान किया है. इसका मकसद इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स को मोनेटाइज करना यानी उनको लीज, किराये आदि पर देकर पैसा कमाना है, जिनमें ऊर्जा से लेकर सड़क और रेलवे सेक्टर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि एसेट मोनेटाइजेशन में भूमि को बेचना शामिल नहीं है, जमीन का स्वामित्व सरकार के पास ही रहेगा. यहां हम आपको पूरा ब्योरा दे रहे हैं कि किस प्रोजेक्ट से सरकार कितनी कमाई करेगी? (फाइल फोटो: PTI)

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सभी सेक्टर्स में इसके लिए कई प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है, जिनमें सड़कें, रेलवे और ऊर्जा सबसे अहम हैं. सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन से वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 यानी चार साल में करीब 6 लाख करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद रखती है. इससे सरकार अगले पांच साल में बुनियादी ढांचे पर जो करीब 111 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है, उसका करीब 5.4% हिस्सा ही हासिल होगा. (फाइल फोटो)

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किस सेक्टर से कितना मिलेगा: इस योजना के तहत सड़कों से 1,60,200 करोड़ रुपये, रेलवे से 1,52,496 करोड़ रुपये, पावर ट्रांसमिशन से 45,200 करोड़ रुपये, पावर जनरेशन यानी बिजली उत्पादन से 39,832 करोड़ रुपये, नेचुरल गैसपाइपलाइन से 24,462 करोड़ रुपये, प्रोडक्ट पाइपलाइन/अन्य से 22,504 करोड़ रुपये, शहरी रियल एस्टेट से 15,000 करोड़ रुपये, टेलीकॉम से 35,100 करोड़ रुपये, वेयरहाउसिंग से 28,900 करोड़ रुपये, माइनिंग से 28,747 करोड़ रुपये, एविएशन से 20,782 करोड़ रुपये, पोर्ट से 12,828 करोड़ रुपये और स्टेडियम से 11,450 करोड़ रुपये हासिल होंगे. (फाइल फोटो)

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सबसे ज्यादा सड़कों से: योजना के तहत टॉप 5 सेक्टर हैं रेलवे, सड़क, पावर ट्रांसमिशन, पावर जनरेशन और नेचुरल गैस पाइपलाइन. करीब 26,700 किमी सड़कों का मोनेटाइजेशन होगा. गौरतलब है कि सड़कों के मामले में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को पहले भी काफी सफलता मिली है. साल 2017 से ही NHAI ने सड़कों को टोल ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल (TOT) पर  देकर सफलतापूर्वक पैसा जुटाया है. सड़कों के मोनेटाइजेशन से अगले चार साल में 1.6 लाख करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है. (फाइल फोटो)

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रेलवे से इतनी होगी कमाई: इसी तरह अगले चार साल में रेलवे में मोनेटाइजेशन से कुल 1,52,496 करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है. इसके तहत रेलवे स्टेशनों का रीडेवलेपमेंट, निजी ट्रेनों का संचालन, ट्रैक के आसपास डेवलपमेंट आदि शामिल होंगे. योजना के तहत 400 स्टेशनों, 90 पैसेंजर ट्रेन, 1400 किमी के रेलवे ट्रैक, कोंकण रेलवे का 741 किमी का रूट, हिल रेलवे का 244 किमी का रूट, रेलवे के 265 गुड्स शेड, 673 किमी का डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ट्रैक और 15 रेलवे स्टेडियम और कुछ रेलवे कॉलोनियां शामिल होंगी. हिल रेलवेज के मोनेटाइजेशन में पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, तमिलनाडु के नीलगिरी पहाड़‍ियों पर स्थ‍ित नीलगिरी माउंटेन रेलवे, हिमाचल प्रदेश का कालका श‍िमला रेलवे स्टेशन शामिल होंगे. (फाइल फोटो)

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पैसे का पावर: पावर ट्रांसमिशन यानी बिजली वितरण में 28,608 किमी लाइन सर्किट किमी ट्रांसमिशन (CKT) से 45,200 करोड़ रुपये की आय हो सकती है. इसी तरह परंपरागत और रीन्यूएबल बिजली उत्पादन सुविधाओं के मोनेटाइजेशन से करीब 39,832 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है. (फाइल फोटो: Getty Images)

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BSNLनेटवर्क का फायदा: Bharatnet फाइबर के 2.86 लाख किमी नेटवर्क और BSNL-MTNL के टावर से 35,100 करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद हैं. गौरतलब है कि बीएसएनएल के पास फिलहाल 68,000 टावर हैं. भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने देश के 16 राज्यों के गांव-गांव तक 2,86,255  किमी लंबे फाइबर नेटवर्क एसेट का विकास किया है. इसको पीपीपी के तहत मोनेटाइजेशन किया जाना है. इसी तरह कुल 14,900 टेलीकॉम टावर का एसेट मॉनेटाइजेशन करना है, जिनमें बीएसएनएल के 13,567 टावर और एमटीएनएल के 1,350 टावर होंगे. भारतनेट फाइबर से 26,300 करोड़ और बीएसएनएल एवं एमटीएनएल के टावर्स से 8,800 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. (फाइल फोटो)

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पाइपलाइन से निकलेगा पैसा: देश में 8,154 किमी नेचुरल गैस पाइपलाइन के मोनेटाइजेशन से करीब 24,462 करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है. देश में मौजूद कुल गैस पाइपलाइन के करीब 25 फीसदी हिस्से का मोनेटाइजेशन किया जाएगा. इसी तरह देश में मौजूद पेट्रोलियम/एलपीजी पाइपलाइन के 3,930 किमी तक के मॉनेटाइजेशन से करीब 22,503 करोड़ रुपये हासिल होंगे. यह देश में मौजूद कुल पाइपलाइन का करीब 23% हिस्सा होगा. (फाइल फोटो: GAIL)

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पैसे का भंडार: देश के 210 लाख मीट्रिक टन क्षमता के वेयरहाउस यानी गोदामों के एसेट से सरकार 28,900 करोड़ रुपये की कमाई करेगी. देश के 160 कोल माइनिंग एसेट से सरकार 28,747 करोड़ रुपये की कमाई करेगी. इसी तरह अन्य मिनरल्स के 761 ब्लॉक का भी मॉनेटाइजेशन किया जाएगा, लेकिन इससे कितना मिलेगा, इसका अंदाजा नहीं दिया गया है. (फाइल फोटो: FCI)

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इन 25 एयरपोर्ट से बरसेगा पैसा: देश के 25 एयरपोर्ट के मोनेटाइजेशन से 20,782 करोड़ रुपये हासिल होंगे. इनमें भुवनेश्वर, चेन्नई, वाराणसी, विजयवाड़ा, अमृतसर, तिरुपति, त्रिची, वड़ोदरा, इंदौर, भोपाल, रायपुर, हुबली, कालीकट, इम्फाल, कोयम्बटूर, अगरतला, नागपुर, उदयपुर, पटना, देहरादून, मदुरै, राजामुंदरी, सूरत, रांची और जोधपुर शामिल हैं.  इसी तरह देश के 9 बड़े बंदरगाहों की 31 परियोजनाओं के मोनेटाइजेशन से 12,828 करोड़ रुपये हासिल होंगे. (फाइल फोटो: PTI)

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दिल्ली में मकानों से कमाई: राजधानी दिल्ली की सात आवासीय कॉलोनियों के एसेट मोनेटाइजेशन से सरकार को 32,276 करोड़ रुपये हासिल होंगे. इनमें सरोजनी नगर, नौरोजी नगर, नेताजी नगर, श्रीनिवासपुरी, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तूरबा नगर शामिल हैं. दिल्ली के घ‍िटोरनी में 240 एकड़ जमीन पर रेजिडेंश‍ियल/कॉमर्श‍ियल यूनिट यानी मकानों का विकास किया जाएगा जिससे सरकार को करीब 15,000 करोड़ रुपये की आमदनी होगी. दो राष्ट्रीय और दो क्षेत्रीय स्टेडियम के एसेट मॉनेटाइजेशन से 11,450 करोड़ रुपये की आमदनी होगी. (फाइल फोटो)

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होटलों से होगी कमाई: इसी तरह सरकार आईटीडीसी के होटलों के मोनेटाइजेशन से करोड़ों रुपये हासिल करेगी. इनमें दिल्ली का होटल सम्राट और होटल अशोक, पुदुच्चेरी का होटल पांडिचेरी, रांची का होटल रांची, पुरी का होटल नीलांचल, रूपनगर का होटल आनंदपुर साहिब, भुवनेश्वर का होटल कलिंग और जम्मू का होटल जम्मू अशोक शामिल है. (फाइल फोटो: दिल्ली का अशोक होटल, स्रोत ITDC) कॉन्टेंट स्रोत: नीति आयोग की रिपोर्ट 

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