‘ताज’ टाटा समूह की ‘इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड’ (IHCL) का ब्रांड है. इसे हाल ही में दुनिया का सबसे मजबूत होटल ब्रांड चुना गया है. लेकिन इस ब्रांड के शुरू होने की एक रोचक कहानी है. इस होटल को खोलकर टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने अंग्रेजों से अपने अपमान का बदला लिया था. (Photos: Tata)
ब्रिटेन की ब्रांड वैल्यूएशन कंसल्टेंसी ‘Brand Finance' ने अपनी सालाना ‘होटल्स 50 2021’ रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में टाटा समूह के इस होटल ब्रांड को ‘दुनिया का सबसे स्ट्रॉन्ग होटल ब्रांड’ करार दिया है. सबसे अनोखी बात ये है कि जिन अंग्रेजों से बदला लेने के लिए इस होटल की नींव पड़ी थी, आज उन्हीं ने इसे दुनिया का सबसे स्ट्रॉन्ग होटल ब्रांड बताया है.
‘ताज’ ब्रांड के बारे में ब्रांड फाइनेंस के सीईओ डेविड हेग का कहना है कि ताज होटल्स की विरासत 100 साल से ज्यादा पुरानी है. मौजूदा महामारी की चुनौतियों के बावजूद ये भारतीय आतिथ्य के कस्टोडियन की तरह खड़ा है.
टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने आधुनिक भारत के लिए कई सपने देखे थे. उनमें से ‘ताज होटल’ इकलौता ऐसा सपना है जो उनके जीवनकाल में सही मायनों में पूरा हो पाया. देश का पहला ताज होटल मुंबई में ‘गेट वे ऑफ इंडिया’ के सामने 1903 में खुला था.
टाटा समूह की वेबसाइट के मुताबिक जमशेदजी टाटा को एक बार उनके किसी विदेशी मित्र ने मुंबई के एक प्रसिद्ध होटल में मिलने के लिए बुलाया. लेकिन जब वह अपने मित्र के साथ वहां पहुंचे तो होटल के मैनेजर ने उन्हें ये कहते हुए बाहर रोक दिया कि ‘हम भारतीयों को अंदर आने की इजाज़त नहीं देते.’ उस दौर में कई ब्रिटिश होटल्स इस तरह का नस्लभेद किया करते थे. ये बात जमशेदजी टाटा को चुभ गई.
ताज होटल की विरासत ही सिर्फ उसे महान नहीं बनाती, बल्कि इसका मजबूती से खड़े रहना भी इसकी शान का हिस्सा है. वर्ष 2008 में जब 26/11 का मुंबई हमला हुआ था, तो ये होटल भी उसका गवाह बना था. लेकिन उसके बाद इस होटल ने खुद का फिर से खड़ा किया. ताज की परंपरा में सिर्फ अतिथियों का ख्याल नहीं रखा जाता बल्कि उसके हर एक कर्मचारी का भी ख्याल रखा जाता है. (Photo : IANS)
ताज होटल्स ब्रांड को ये सम्मान मिलने पर ICHL के एमडी और सीईओ पुनीत चटवाल का कहना है, ‘ ग्लोबल मंच पर भारतीय हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के लिए ये एक गर्व का मौका है. ये हमारे अतिथियों द्वारा हम पर जताए गए भरोसे की बानगी है.’