देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के नतीजे पेश कर दिए हैं. कोरोना संकट के बीच कंपनी ने पहले तिमाही के मुकाबले अच्छे नतीजे पेश किए हैं. जबकि साल दर साल के आधार पर कंपनी का मुनाफा घटा है.
दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के बीच कंपनी का शुद्ध मुनाफा 4.9 फीसदी बढ़कर 8,433 करोड़ रुपये हो गया है. जबकि समान अवधि में यानी वित्त-वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में कंपनी को 8,042 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
वहीं टीसीएस ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि शुद्ध लाभ में कानूनी दावे से जुड़े 1,218 करोड़ रुपये के प्रावधान को शामिल नहीं किया गया है. इन प्रावधानों को घटाने पर शुद्ध लाभ 7,475 करोड़ रुपये बनता है. इस तरह साल दर साल के आधार पर कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 7.05 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. क्योंकि वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में कंपनी को 8,042 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
वहीं तिमाही दर तिमाही के आधार पर वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में कंपनी के नेट प्रॉफिट में 6.66 फीसदी का उछाल आया है. पहली तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 7,008 करोड़ रुपये रहा था. अगर आय की बात करें तो वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 3 प्रतिशत बढ़कर 40,135 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 38,977 करोड़ रुपये थी.
इसके अलावा बोर्ड की बैठक में 3,000 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के भाव पर 16,000 करोड़ रुपये की बायबैक शेयर योजना को मंजूरी दी गई है. यह टीसीएस के बीएसई में बुधवार को बंद शेयर भाव 2,737.4 रुपये के मुकाबले 9 प्रतिशत अधिक है. कुछ 5,33,33,333 इक्विटी शेयर बायबैक किए जाएंगे. यह कंपनी की कुल चुकता शेयर पूंजी का 1.42 प्रतिशत है.
इसके अलावा कंपनी ने 12 रुपये प्रति शेयर अंतरिम लाभांश (डिविडेंट) देने का भी ऐलान किया है. टीसीएस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथ ने कहा कि मजबूत ऑर्डर, कई अच्छे सौदों के पाइपलाइन में होने और निरंतर बाजार में हिस्सेदारी के लाभ ने हमें भविष्य को लेकर भरोसा दिया है.