यस बैंक की आर्थिक सेहत में धीरे-धीरे सुधार के बीच अब बैंक अपने कारोबार को विस्तार देने में जुटा है. यस बैंक ने मौजूदा तिमाही यानी दिसंबर में खत्म होने वाली तिमाही में रिटेल और MSMEs को 10,000 करोड़ रुपये का लोन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
दरअसल, Yes Bank ने साल 2023 तक अपने पोर्टफोलियो को 60 फीसदी तक विस्तार देने की योजना बनाई है. वहीं मंगलवार को यस बैंक के शेयरों में भी जोरदार तेजी देखने को मिली. कारोबार के आखिर में यस बैंक का शेयर एनएसई पर अपर सर्किट लग गया. शेयर 4.76% फीसदी चढ़कर 15.40 रुपये पर बंद हुआ.
वहीं यस बैंक की रणनीति के बारे में जानकारी देते हुए बैंक के रिटेल बैंकिंग के ग्लोबल हेड राजन पेंटल ने कहा कि हमने अपने रिटेल और MSME एसेट के साथ लोन बुक को भी साल 2023 तक डबल करने का लक्ष्य रखा है.
अधिकारी ने बताया कि सितंबर तिमाही में बैंक ने रिटेल और MSME को 6800 करोड़ रुपये का लोन दिया. इसके अलावा उन्होंने बताया कि डिपॉजिट के मोर्चे पर भी पिछली दो तिमाही में बैंक में जमा होने वाली पूंजी में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
राजन पेंटल ने कहा कि यस बैंक ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नए 32,000 बैंक अकाउंट खोले, जबकि कोरोना संकट की वजह से इस दौरान सीमित ब्रांच ही ओपन थे.
वहीं सितंबर में खत्म होने वाली तिमाही में बैंक में 1.50 लाख नए अकाउंट खुले. उन्होंने बताया कि यस बैंक ने हर महीने 1 लाख नए अकाउंट खोलने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि ग्राहकों ने यस बैंक पर भरोसा जताया है.
वहीं इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को यस बैंक से जुड़े AT1 बॉन्ड का भुगतान करने के लिए खत लिखा है. IRDAI के मुताबिक, आरबीआई ने रिकंस्ट्रक्शन स्कीम में बैंक के AT1 बॉन्ड्स राइट ऑफ किए थे, जिससे इंश्योरेंस कंपनियों को काफी नुकसान हुआ. लेकिन अब यस बैंक की स्थिति में सुधार हो रहा है और अच्छे संकेतों के चलते रिजर्व बैंक को AT1 बॉन्ड से जुड़ा भुगतान करना चाहिए.