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GST Council: कैंसर की दवा और सिनेमा हॉल में खाना-पीना हो सकता है सस्ता, SUV टैक्स में बदलाव संभव

जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. कई वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स को कम किया जा सकता है. जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग पर GST लगाने पर कानूनी राय भी मांगी है.

जीएसटी काउंसिल की बैठक. जीएसटी काउंसिल की बैठक.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल (GST Council) की बैठक आज होने वाली है. बैठक में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. इनमें ऑनलाइन गेमिंग पर GST लगाने पर विचार किया जा सकता है. माना जा रहा है कि 11 जुलाई को होने वाली बैठक में  SUV गाड़ियों, ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग से जुड़े कई मामलों पर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. कैंसर की दवाइयां और सिनेमा हॉल में खाना-पीना भी सस्ता हो सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल तमाम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.

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ऑनलाइन गेमिंग पर हो सकती है चर्चा

जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग पर GST लगाने पर कानूनी राय भी मांगी है और बैठक में इसे भी रखा जाएगा. मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की अध्यक्षता वाले जीओएम ने अपनी रिपोर्ट में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन यह इस बात पर आम सहमति तक पहुंचने में विफल रहा कि क्या टैक्स केवल पोर्टल द्वारा ली जाने वाली फीस या पूरी बेट राशि पर लगाया जाना चाहिए. पिछले साल समीक्षा का दूसरा दौर भी किसी समझौते पर पहुंचने में असफल रहा था.

सस्ती हो सकती हैं कैंसर की दवाइयां

जीएसटी काउंसिल के एजेंडे में जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन और नियमों पर अंतिम मुहर लगाने और बोगस कंपनियों पर अधिक सख्ती का प्रस्ताव भी शामिल है. जीएसटी काउंसिल 50वीं बैठक में कैंसर की दवा  Dinutuximab का इंपोर्ट सस्ता हो सकता है. फिलहाल इस पर 12 फीसदी IGST लगता है. काउंसिल इसे घटकार जीरो कर सकती है.

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बता दें कि इस दवा का एक डोज 63 लाख रुपये का है. सिनेमा हॉल में मिलने वाले फूड एंड बेवरेज पर भी जीएसटी को 18 फीसदी से कम करके पांच फीसदी किया जा सकता है. 

यूटिलिटी वाहनों पर 22 फीसदी सेस

फिटमेंट कमेटी ने सिफारिश की है कि सभी यूटिलिटी वाहन (मल्टी यूटिलिटी वाहन या क्रॉसओवर यूटिलिटी वाहन (XUV)) पर 22 फीसदी सेस लगेगा. चार मीटर से ज्यादा लंबे, 1500 CC क्षमता के इंजन वाले वाहन को SUVs माना जाएगा. इसके साथ ही 170 mm ग्राउंड क्लियरेंस वाले व्हीकल्स को SUV की कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है. इन सभी स्टैंडर्ड को पूरा करने वाले वाहनों पर 22 फीसदी का सेस लग सकता है. मौजूदा समसय में ऑटो कंपनियां कैटेगरी के अनुसार, सेस वसूल रही हैं.

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