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इस अमेरिकी फर्म का अडानी को मिला साथ, खरीद डाले 15000 करोड़ के शेयर, डील के पीछे भारतीय कनेक्शन!

इन्वेटमेंट फर्म ने Adani Group की जिन कंपनियों के शेयर खरीदे हैं, उनमें अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy), अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Ltd) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) शामिल हैं.

अडानी की कंपनियों में अमेरिका बेस्ड इन्वेस्टमेंट फर्म GQG ने किया बड़ा निवेश अडानी की कंपनियों में अमेरिका बेस्ड इन्वेस्टमेंट फर्म GQG ने किया बड़ा निवेश
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

हिंडनबर्ग (Hindenburg) के असर से तेजी से उबर रहे गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों में ब्लॉक डील देखने को मिली. ग्रुप की ओर से घोषणा की गई कि अमेरिकी बुटीक इन्वेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Parteners) ने समूह की चार कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया है. गुरुवार को ये सेकेंडरी इक्विटी ट्रांजैक्शन या शेयरों की खरीद की गई. इस कंपनी के चेयरमैन भारतीय मूल के राजीव जैन (Rajiv Jain) हैं.

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2016 में शुरू की थी इन्वेस्टमेंट फर्म
राजीव जैन ने साल 2016 में GQG पार्टनर्स की शुरुआत की थी और ये फर्म आॉस्ट्रेलिया में रजिस्टर्ड है. इस इन्वेटमेंट फर्म ने Adani Group की जिन कंपनियों के शेयर खरीदे हैं, उनमें अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy), अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Ltd) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) शामिल हैं. 

अडानी की कंपनियों में खरीदे इतने शेयर
GQG पार्टनर्स ने अडानी एंटरप्राइजेज में 3.4% हिस्सेदारी के लिए करीब 5,460 करोड़ रुपये, अडानी पोर्ट्स में 4.1% हिस्सेदारी खरीदने के लिए 5,282 करोड़ रुपये में, अडानी ट्रांसमिशन में 2.5% हिस्सेदारी के लिए 1,898 करोड़ रुपये और अडानी ग्रीन एनर्जी में 3.5% हिस्सेदारी 2,806 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है. जीक्यूजी ने जिन अन्य भारतीय कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्ट किया है, उनमें ITC, HDFC, RIL, ICICI Bank, SBI, Sun pharma, Infosys, Bharti Airtel, Tata Steel, HDFC AMC, JSW Steel जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

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कौन हैं राजीव जैन?
भारत में जन्मे और पले-बढ़े राजीव जैन साल 1990 में मियामी विश्वविद्यालय से MBA करने के लिए अमेरिका चले गए थे. इसके बाद वह 1994 में Vontobel में शामिल हुए और 2002 में स्विस फर्म के CIO बने. हाल ही में आई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो जब उन्होंने मार्च 2016 में GQG पार्टनर्स शुरू करने के लिए इस कंपनी को छोड़ा था, तब तक वोन्टोवेल के इमर्जिंग मार्केट फंड ने 10 वर्षों में कुल 70% से अधिक रिटर्न दिया था यानी MSCI इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स के दोगुने से भी अधिक. 

राजीव जैन को अडानी पर भरोसा
सबसे खास बात ये है कि US बेस्ड इस फर्म अडानी ग्रुप की कंपनियों में ऐसे समय में निवेश किया है, जबकि लगातार इनके शेयरों में गिरावट आ रही है. हालांकि बीते तीन दिनों से ये रोजाना उछाल जरूर भर रहे हैं. रिपोर्ट में राजीव जैन के हवाले से कहा गया है कि, 'Adani की कंपनियां पूरे भारत और दुनिया भर में कुछ सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण Infrastructure Assets का मैनेजमेंट करती हैं. गौतम अडानी को व्यापक रूप से उनकी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ उद्यमियों में माना जाता है. हमारा मानना है कि कि इन कंपनियों के लिए दीर्घकालिक विकास की संभावनाएं पर्याप्त हैं और हम उन कंपनियों में निवेश करके उत्साहित हैं, जो भारतीय इकोनॉमी और ऊर्जा बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में मदद करेंगी.

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