Advertisement

इस डील के चलते अडानी ग्रुप पर बढ़ सकता है भारी कर्ज, ब्रोकरेज फर्म का दावा

कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2022 में अडानी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के कर्ज के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. क्योंकि उन्होंने निवेश करना जारी रखा है. हाल ही में अडानी ग्रुप ने सीमेंट निर्माता कंपनी होल्सिम के भारतीय कारोबार का अधिग्रहण किया है. भारतीय कारोबारी गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं.

उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर कितना है कर्ज? उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर कितना है कर्ज?
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST

दुनिया के अमीरों की लिस्ट में टॉप-3 में एंट्री करने वाले भारतीय कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) की संपत्ति लगातार बढ़ रही है. ब्लूमबर्ग बिलियनयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के आंकड़ों के अनुसार, गौतम अडानी की कुल संपत्ति (Gautam Adani Total Net Worth) 143 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है. हाल ही में अडानी ग्रुप ने सीमेंट निर्माता कंपनी होल्सिम के भारतीय कारोबार का अधिग्रहण किया है. इस डील के बाद ग्‍लोबल ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुईस (Credit Suisse) ने एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर बढ़ते कर्ज को लेकर विश्लेषण किया है.

Advertisement

कर्ज में कितना हो सकता है इजाफा?

क्रेडिट सुइस के एक विश्लेषण के अनुसार, होल्सिम के भारतीय कारोबार के अधिग्रहण के बाद अडानी ग्रुप के कर्ज में 40,000 करोड़ रुपये का इजाफा हो सकता है. इस वजह से अडानी ग्रुप का कुल 2.6 ट्रिलियन रुपये तक बढ़ सकता है. गौतम अडानी के नेतृत्व वाले ग्रुप का कर्ज लेवल पिछले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 2.2 ट्रिलियन रुपये हो गया है. बंदरगाहों के कारोबार के विस्तार, ग्रीन एनर्जी में निवेश, ट्रांसमिशन व्यवसाय के अधिग्रहण और नए में बिजनेस में एंट्री की वजह से अडानी ग्रुप पर कर्ज बढ़ा है.

कर्ज मैच्योर होने की अवधि

क्रेडिट सुइस के विश्लेषकों ने कहा कि ग्रॉस कर्ज का स्तर भले ही बढ़ गया हो, लेकिन अडानी समूह लंबी मैच्योरिटी अवधि वाले बॉन्ड और वित्तीय संस्थान (FI) जैसे कर्जदाताओं के पक्ष में अपने कर्ज में विविधता लाने में कामयाब रहा है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2016 के अंत में पांच साल के भीतर मैच्योर होने वाले लगभग 86 प्रतिशत कर्ज (1 ट्रिलियन रुपये का कर्ज स्तर) की तुलना में, केवल 26 प्रतिशत कर्ज अब पांच साल से कम समय में मैच्योर हो रहे हैं.

Advertisement

विदेशी मुद्रा में कितना कर्ज?

करेंसी के संदर्भ में कुल कर्ज का लगभग 30 प्रतिशत विदेशी मुद्रा में दर्ज है. चूंकि अडानी ग्रुप का भारतीय बैंकों से लिए लोन का एब्सोल्यूट लेवल पिछले पांच वर्षों में स्थिर रहा है. इस वजह से समूह के कुल कर्ज में उसाका हिस्सा कम होकर लगभग 18 प्रतिशत रह गया है.

कंपनियों के कर्ज में बढ़ोतरी

कुल मिलाकर अडानी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों में वित्त वर्ष 2022 में कर्ज के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. क्योंकि उन्होंने निवेश करना जारी रखा है. हालांकि, अडानी ट्रांसमिशन को छोड़कर, ऑपरेशन में सुधार के साथ इन संस्थाओं के लिए ब्याज कवर स्थिर बना हुआ है. अडानी ग्रीन के एसेट के ऑपरेशन में अच्छा सुधार देखने को मिला है. 

कैपिटल की तुलना में कर्ज

नोमुरा होल्डिंग्स में क्रेडिट डेस्क के एक विश्लेषक के अनुसार, अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने अडानी ग्रीन एनर्जी में 500 मिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया है. इसकी मदद से फर्म का कर्ज, कैपिटल के अनुपात में कम जाएगा. इस निवेश से मार्च के अंत में कंपनी का कर्ज, कैपिटल के अनुपात में 95.3 फीसदी से कम होकर 60 फीसदी तक आ सकता है. IHC ने गौतम अडानी के स्वामित्व वाली तीन कंपनियों में लगभग दो बिलियन डॉलर का निवेश किया है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement