
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से बाजार नियामक सेबी (SEBI) को अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया गया था और ये डेडलाइन आज समाप्त हो गई है. वहीं इस बीच एक बड़ी खबर ये सामने आई है कि सेबी ने अपनी जांच पूरी करने और इसे कोर्ट में दाखिल करने के लिए 15 दिन का और समय दिए जाने की मांग की है. इससे पहले संभावना जताई जा रही थी कि मार्केट रेग्युलेटर ने अपनी रिपोर्ट फाइनल कर दी है और आज इसे कोर्ट में दाखिल कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट दो बार दे चुका है अतिरिक्त समय
अडानी ग्रुप पर बीते 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद मची उथल-पुथल और अडानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सेबी को विस्तृत जांच करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने बीते 2 मार्च 2023 को बाजार नियामक को निर्देश दिया था कि वह अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने से पहले और बाद में किसी भी तरह के उल्लंघन जांच करे.
Supreme Court ने सेबी को ये जांच पूरी करने के लिए 2 मई तक का समय दिया था. लेकिन अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सेबी की ओर से जांच के 6 महीने का अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई, जिसके बाद जांच पूरी करने की डेडलाइन को बढ़ाकर 14 अगस्त कर दिया गया था, जो आज खत्म हो गई है और SEBI ने फिर से 15 दिन का और समय मांगा है.
29 अगस्त को हो सकती है सुनवाई
Adani-Hindenburg मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में 29 अगस्त 2023 को अगली सुनवाई कर सकता है. दरअसल, पहले समय बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सेबी की एक्सपर्ट कमेटी ने कोर्ट को दी गई अपनी याचिका में कहा था कि उसने उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों में हेर-फेर का कोई स्पष्ट पैटर्न नहीं देखा और कोई नियामक विफलता नहीं हुई. ऐसे में जांच के अन्य पहलुओं पर गौर करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए. अब जबकि बाजार नियामक ने और समय मांगा है, तो जांच रिपोर्ट आने में भी देरी होगी.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से हिला था अडानी साम्राज्य
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने बीते 24 जनवरी 2023 को जारी अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेर-फेर और कर्ज से जुड़े 88 सवाल उठाए थे. इस रिसर्च के पब्लिश होने के अगले कारोबारी दिन से ही अडानी की कंपनियों के शेयर धराशायी हो गए थे और दो महीने तक इनमें लगातार गिरावट देखने को मिली थी.
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर 80 फीसदी से अधिक टूट गए थे. इसके चलते जहां 24 जनवरी से पहले दुनिया के टॉप अरबपतियों में चौथे पायदान पर मौजूद गौतम अडानी की नेटवर्थ (Gautam Adani Net Worth) में गिरावट से वे लिस्ट में खिसककर देखते ही देखते 37वें पायदान पर पहुंच गए थे. इस बीच गौतम अडानी की नेटवर्थ में 60 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.