
कर्ज के भारी बोझ से दबी Air India को प्राइवेट करने की सरकार की कोशिश तब रंग लाई, जब पिछले साल अक्टूबर में Tata Group ने इसके लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर बाकी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया. इसी के साथ 1932 में बनी ये कंपनी 69 साल बाद फिर टाटा समूह का हिस्सा बन गई. ऐसे में सवाल है कि प्राइवेटाइजेशन के बाद कंपनी के मौजूदा कर्मचारियों का क्या होगा? इनकी संख्या अभी 12,085 है.
सालभर तक बनी रहेगी नौकरी
इसकी प्राइवेटाइजेशन से जुड़ी शर्तों में कंपनी के मौजूदा कर्मचारियों के हित का भी ध्यान रखा गया है. इसके हिसाब से कंपनी के मौजूदा कर्मचारियों को टेकओवर होने के बाद एक साल तक जॉब से नहीं निकाला जा सकता है. कंपनी का मैनेजमेंट कर्मचारियों को लेकर दूसरे साल कुछ फैसले कर सकता है और इसके लिए भी कुछ शर्ते तय की गई हैं.
दूसरे साल हो सकता है ये फैसला
इतना ही नहीं दूसरे साल में भी एअर इंडिया की र्न मालिक यानी टाटा ग्रुप कंपनी के मौजूदा कर्मचारियों के लिए वॉलियंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) ला सकती है. इसमें उन्हें अधिकतम लाभ का ऑप्शन मिलेगा. वहीं कर्मचारियों के ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड और मेडिकल सुविधाओं का लाभ भी उन्हें मिलेगा.
बने रहेंगे ये अधिकार भी
अभी जो कर्मचारी एअर इंडिया की कॉलोनी में रह रहे हैं, वो हैंडओवर के बाद 6 महीने तक उसमें रहने के हकदार होंगे. इतना ही नहीं 55 वर्ष की आयु या 20 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को सरकार अभी मेडिकल सुविधाएं देती है, जो अब टाटा समूह को देनी होगी. ये सुविधाएं कर्मचारियों के जीवनसाथी को भी मिलेगी.
चेयरमैन ने कर्मचारियों को कहा ‘वेलकम’
एअर इंडिया के टाटा समूह में शामिल होन के बाद कंपनी के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने Air India के कर्मचारियों का वेलकम किया. उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि ‘एअर इंडिया को टाटा ग्रुप में वापस शामिल करने को लेकर हम उत्साहित हैं. हम इसे एक वर्ल्ड क्लास एयरलाइंस बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मैं एअर इंडिया के सभी कर्मचारियों का हमारे समूह में स्वागत करता हूं और आपके साथ मिलकर आगे काम करने को लेकर उत्साहित हूं.’
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