Advertisement

ऑक्सीजन बनाने का प्लांट फिर खुलवाने ये कंपनी पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कल होगी सुनवाई

देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच कई कॉरपोरेट कंपनियों ने आगे आकर ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की पहल की है. ऐसे में एक कंपनी अपना एक प्लांट दोबारा खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, इस पर कल सुनवाई होनी है.

देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है (सांकेतिक फोटो) देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST
  • तमिलनाडु सरकार कर रही याचिका का विरोध
  • रोजाना 1000 टन ऑक्सीजन बनाने की क्षमता

देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच कई कॉरपोरेट कंपनियों ने आगे आकर ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की पहल की है. ऐसे में एक कंपनी अपना एक प्लांट दोबारा खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, इस पर कल सुनवाई होनी है...

लगाई सुप्रीम कोर्ट में गुहार
खनन क्षेत्र में काम करने वाली प्रमुख कंपनी वेदांता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने गुरुवार को कहा कि यदि उसकी कंपनी स्टरलाइट कॉपर के तूतीकोरन स्थित प्लांट को दोबारा शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो इसका उपयोग मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में किया जा सकता है. इससे देश में ऑक्सीजन की किल्लत को पाटने में मदद मिलेगी.

Advertisement

तमिलनाडु सरकार का विरोध
हालांकि कंपनी की इस याचिका का तमिलनाडु सरकार ने विरोध किया है. जबकि शीर्ष न्यायालय ने याचिका पर 23 अप्रैल शुक्रवार को सुनवाई करने की रजामंदी दी है.

स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
कंपनी के सीईओ पंकज कुमार ने कल केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी को भी पत्र लिखकर इसके लिए अनुरोध किया था. कंपनी का कहना है कि वह ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश की जरूरत के वक्त मदद करना चाहती है. 

रोजाना 1000 टन ऑक्सीजन बनाने की क्षमता
पंकज कुमार ने जानकारी दी कि स्टरलाइट कॉपस के तूतीकोरन प्लांट में ऑक्सीजन बनाने वाले दो संयंत्र हैं. इनकी कुल क्षमता प्रतिदिन 1,000 टन ऑक्सीजन बनाने की है. उन्होंने कहा कि कंपनी इस क्षमता का उपयोग सरकार को मदद देने के लिए करना चाहती है ताकि देश में ऑक्सीजन की कमी ना हो. उन्होंने तमिलनाडु सरकार से भी सिर्फ ऑक्सीजन के निर्माण के लिए संयंत्र को दोबारा चालू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है.

Advertisement

क्यों बंद हुआ था तूतीकोरन प्लांट
तमिलनाडु के तूतीकोरन स्थित स्टरलाइट कॉपर के संयंत्र को 2018 में बंद कर दिया गया था. इस संयंत्र के प्रदूषण करने को लेकर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन खड़ा हो गया था. इसके बाद तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसे बंद कर दिया था. हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फरवरी 2019 में प्लांट को दोबारा शुरू करने की अनुमति दे दी थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के निर्णय को निरस्त कर दिया. बाद में कंपनी ने मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया लेकिन हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्लांट सील रखने के निर्णय को बरकरार रखा.

ये भी पढ़ें:

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement