
भारतीय रिटेल सेक्टर (Indian Retail Sector) में वर्चस्व की जंग में लगातार दिलचस्प मोड़ सामने आ रहे हैं. एक ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) बिग बाजार (Big Bazaar) के स्टोर्स का टेकओवर कर रही है और उन्हें नया कलेवर देकर स्मार्ट बाजार (Smart Bazaar) का रूप दे रही है, वहीं दूसरी ओर अमेजन (Amazon) भी फ्यूचर और रिलायंस की डील (Future-Reliance Deal) को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. करीब 2 साल से डील को रोकने में कामयाब अमेजन ने अब फ्यूचर ग्रुप से कम से कम 200 मिलियन डॉलर यानी करीब 1,528 करोड़ रुपये की डिमांड की है.
अमेजन ने रखी पुराना इन्वेस्टमेंट लौटाने की डिमांड
रॉयटर्स की एक ताजी रिपोर्ट के अनुसार, अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप (Future Group) में जो इन्वेस्टमेंट किया था, उसने अब वह रकम लौटाने की मांग रखी है. दो सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है. हालांकि अभी इस बारे में न तो अमेजन ने और न ही फ्यूचर ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहा है. एक सूत्र का कहना है कि विवाद शांत करने के लिए हो रही बातचीत में कई फैक्टर्स हैं. अमेजन ने इन्वेस्टमेंट लौटाने की जो मांग की है, वह महज मिनिमम है.
2 साल पहले हुआ Future-Reliance Deal का ऐलान
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और फ्यूचर ग्रुप ने 2020 में 3.4 बिलियन डॉलर की डील की घोषणा की थी. इस डील के तहत फ्यूचर रिटेल की संपत्तियों को रिलायंस खरीदने वाली थी. अमेजन ने महीनों तक इस डील को रोककर रखा. अमेजन का कहना है कि यह डील फ्यूचर के साथ उसके कांट्रैक्ट का उल्लंघन है, जबकि फ्यूचर का कहना है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है. अभी भी विभिन्न संबंधित पार्टियों के बीच कोर्ट में मामले चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में एक हालिया सुनवाई से इस बात की उम्मीद तेज हुई थी कि संबंधित पार्टियां जल्दी ही आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट कर लेंगी. सुप्रीम कोर्ट में हुई बहस से यही संकेत मिल रहा था कि मामले को कोर्ट से बाहर ही सुलझाया जा सकता है और इसके लिए बातचीत चल रही है.
अमेजन की डिमांड पर फ्यूचर ने दिया ये ऑफर
मंगलवार की सुनवाई में दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि बातचीत फिलहाल रुक गई है. अमेजन ने तो रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर को क्रिटिसाइज करते हुए अखबारों में विज्ञापन छपवाया था. विवाद सुलझाने के लिए चल रही बातचीत से जुड़े 2 सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि अमेजन ने हल निकालने के लिए कम से कम वह 200 मिलियन डॉलर लौटाने की डिमांड की है, जो उसने 2019 में फ्यूचर की एक यूनिट में इन्वेस्ट किए थे. दोनों पार्टियों के बीच विवाद की वजह भी यही इन्वेस्टमेंट है. हालांकि फ्यूचर का कहना है कि उसकी माली हालत ठीक नहीं है और इस कारण उसने रिलायंस के टेक ओवर के बाद ग्रुप के पास बची किसी एक कंपनी में इस रकम के बदले हिस्सेदारी देने का ऑफर किया है. अमेजन ने फ्यूचर के इस ऑफर को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.