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अच्छी खबर... अमेरिका-ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा भारत! जानें किसने किया ये बड़ा दावा

ग्लोबल GDP के लगभग 85 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व G-20 देश करते हैं. इसके अलावा ये विशेष समूह ग्लोबल ट्रेड के 75 फीसदी से ज्यादा हिस्से और दुनिया की कुल आबादी के दो तिहाई हिस्से की भी अगुवाई करता है. ऐसे में अमिताभ कांत ने दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने में G-20 की जिम्मेदारी का भी जिक्र किया है.

भारतीय इकोनॉमी भारतीय इकोनॉमी
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों से मुकाबला करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेज रफ्तार से बढ़ रही है. ये दावा भारत के G-20 शेरपा अमिताभ कांत ने किया है. कांत के मुताबिक आने वाले दिनों में विकसित देशों की रफ्तार धीमी होगी और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं तेज रफ्तार से विकास की पटरी पर दौड़ती नजर आएंगी.

अमिताभ कांत ने कहा कि मौजूदा दौर में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही दुनिया को फिर से परिभाषित करने और उसे नया आकार देने में भारत G-20 की अध्यक्षता के दौरान महत्वपूर्ण रोल निभाएगा. पिछले 10 वर्ष के रुझानों का जिक्र करते हुए कांत ने कहा कि विकसित देशों के विकास की रफ्तार घटेगी, जबकि उभरते बाजार तेजी से आगे बढेंगे. ऐसे में उन्होंने विकसित देशों से संसाधन विकासशील देशों में आने का अनुमान जताते हुए उभरते बाजारों में सुधार की संभावना जताई है.

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कर्ज के जाल में फंसेंगे 75 देश!
ग्लोबल GDP के लगभग 85 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व G-20 देश करते हैं. इसके अलावा ये विशेष समूह ग्लोबल ट्रेड के 75 फीसदी से ज्यादा हिस्से और दुनिया की कुल आबादी के दो तिहाई हिस्से की भी अगुवाई करता है. ऐसे में कांत ने दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने में G-20 की जिम्मेदारी का भी जिक्र किया है. कांत ने कहा है कि इन चुनौतियों में मंदी भी शामिल है जिससे ग्रोथ पर असर होगा. इसके चलते 75 देश वैश्विक कर्ज के जाल में फंस जाएंगे. इस संकट के प्रभाव से लाखों लोग बेरोजगार होंगे और लाखों लोग गरीबी रेखा के नीचे पहुंच जाएंगे.

दुनिया को नया आकार देने में भारत का रोल
अमिताभ कांत ने कहा है कि विकासशील देशों की ग्रोथ में आ रही तेजी और 75 देशों पर मंडराते कर्ज के संकट को देखते हुए G-20 को तेजी से कदम उठाने की जरूरत है. कांत के मुताबिक जब जब G-20 कदम उठाता है, तो बहुपक्षीय संस्थान भी कदम उठाते हैं. ऐसे में भारत विश्व को फिर से परिभाषित करने और उसे नई शक्ल देने में कई तरह से इस अवसर का इस्तेमाल करेगा. उन्होंने कहा कि यही बात है जो हम G-20 की अध्यक्षता के द्वारा करने की कोशिश करेंगे.

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कर्नाटक के हंपी में G-20 की तीसरी बैठक होगी
भारत की अध्यक्षता में संपन्न G-20 शेरपाओं यानी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में राष्ट्राध्यक्षों के निजी प्रतिनिधियों की दूसरी बैठक केरल के कुमारकोम के सुरम्य गांव में 30 मार्च से 2 अप्रैल तक हुई. इस बैठक के बाद कांत ने कहा कर्नाटक के हंपी में तीसरी बैठक तक हम नेताओं के बयान का ड्राफ्ट तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि G-20 एक ऐसा मंच है, जहां आर्थिक विकास, वित्तीय प्रगति और विकास जरूरतों से जुड़े बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी.

 

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