
सीबीआई (CBI) ने एनएसई को-लोकेशन केस (NSE Co-Location Case) में स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) को गिरफ्तार कर लिया है. एनएसई पर बाजार नियामक सेबी (SEBI) के हालिया आदेश के बाद से ही आनंद सुब्रमण्यम का नाम चर्चा में है. सेबी के आदेश से यह खुलासा हुआ था कि देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishna) अपने करीबी आनंद पर करोड़ों रुपये लुटाती थीं.
नौकरी देने के लिए बना दिया नया पद
चित्रा रामकृष्ण ने 2013 में एनएसई का सबसे बड़ा अधिकारी बनने के तुरंत बाद आनंद को नौकरी पर रख लिया था. उसे एनएसई की नौकरी जिस तरीके से दी गई, उसकी पूरी प्रक्रिया ही कई सवाल खड़े करती है. आनंद को 2013 में एनएसई में चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर (CSO) के पद पर बहाल किया गया. इससे पहले एनएसई में ऐसा कोई पद होता ही नहीं था. आनंद इससे पहले जो नौकरी कर रहा था, उसका रोल भी बिलकुल अलग था. सेबी के आदेश में साफ कहा गया है कि आनंद को बिना पात्रता के ही एनएसई में नौकरी दी गई.
एनएसई में मिला 800 फीसदी से ज्यादा हाइक
आनंद इससे पहले सरकारी कंपनी Balmer Lawrie में नौकरी कर रहा था, जहां उसकी सैलरी 15 लाख रुपये थी. जब उसे एनएसई में सीएसओ बनाया गया तो 1.38 करोड़ रुपये का पैकेज ऑफर किया गया. यह उसकी पुरानी सैलरी के 9 गुने से भी ज्यादा था. आनंद को भारी-भरकम पैकेज इस बात के बाद भी मिला, जबकि एनएसई के तत्कालीन चीफ पीपुल ऑफिसर (CPO) चंद्रशेखर मुखर्जी (Chandrashekhar Mukherjee) ने 20 फीसदी हाइक की ही सिफारिश की थी. मुखर्जी ने खुद सेबी को इसकी जानकारी दी. इस तरह आनंद को नौकरी देने के लिए एनएसई के मानक और नियम प्रक्रियाओं को ही किनारे कर दिया गया.
3 साल में ही इतनी बढ़ गई सैलरी
आनंद पर चित्रा की यह मेहरबानी इतने पर ही नहीं रुकी. एनएसई की तत्कालीन एमडी ने आनंद को लगातार प्रमोट किया और देखते-देखते वह एनएसई का दूसरा सबसे बड़ा अधिकारी बन गया. कुछ ही समय में आनंद एनएसई का ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) बन चुका था. उसे सिर्फ पद का ही प्रमोशन नहीं मिला, बल्कि इसके साथ-साथ उसकी सैलरी भी बेतहाशा बढ़ाई गई. 2017 में उसकी सैलरी बढ़कर 4.21 करोड़ हो चुकी थी. मतलब सिर्फ 3 साल में उसकी सैलरी 200 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ी.