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चुनाव का असर? विमान ईंधन के दाम 2 माह में चार बार बढ़े, पेट्रोल-डीजल के रेट 104 दिन से स्थिर

केंद्र सरकार ने 03 नवंबर 2021 को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का ऐलान किया था. केंद्र सरकार के इस कदम के बाद कई राज्य सरकारों ने भी वैट में कटौती की थी. इससे आम लोगों को रिकॉर्ड महंगे डीजल-पेट्रोल से राहत मिली थी.

फिर महंगा हुआ एटीएफ फिर महंगा हुआ एटीएफ
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST
  • 2 महीने में चौथी बार बढ़े एटीएफ के दाम
  • 3 महीने से नहीं बढ़ा डीजल-पेट्रोल का भाव

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते विमान ईंधन (ATF) की दरों में बुधवार को 5.2 फीसदी की वृद्धि हुई. इसके बाद देश में एटीएफ के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. दो महीने से भी कम समय में एटीएफ की कीमतों में यह चौथी बढ़ोतरी है, लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतें (Petrol Diesel Prices) लगातार 104 दिन से स्थिर बनी हुई हैं.

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ढाई महीने में इतना महंगा हुआ क्रूड ऑयल

यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) के चलते पिछले दिनों क्रूड ऑयल की कीमतों (Crude Oil Prices) में भारी तेजी देखने को मिली है. क्रूड ऑयल 01 दिसंबर 2021 को 65 डॉलर के आस-पास था, लेकिन अभी यह 90 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल चुका है. इसके बाद भी घरेलू बाजार में डीजल और पेट्रोल के दाम नहीं बदले गए हैं. मौजूदा पॉलिसी के हिसाब से कंपनियां क्रूड ऑयल की वैश्विक कीमतों के सापेक्ष डीजल-पेट्रोल की खुदरा दरों में बदलाव करती हैं.

माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत 5 राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. हालांकि, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.

इतना बढ़ा एटीएफ का भाव

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सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में एटीएफ की कीमत अब 4,481.63 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 5.2 फीसदी बढ़कर 90,519.79 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है. यह एटीएफ का अब तक का उच्चतम स्तर है. एटीएफ की कीमत अगस्त 2008 में 71,028.26 रुपये प्रति किलोलीटर थी, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 147 डॉलर प्रति बैरल को छू गई थीं.

नवंबर की शुरुआत में मिली राहत

करीब 3 महीने पहले देश के कई राज्यों में पेट्रोल और डीजल के भाव 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गए थे. इसके बाद केंद्र सरकार ने 03 नवंबर 2021 को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का ऐलान किया था. केंद्र सरकार के इस कदम के बाद कई राज्य सरकारों ने भी वैट में कटौती की थी. इससे आम लोगों को रिकॉर्ड महंगे डीजल-पेट्रोल से राहत मिली थी. हालांकि अब यह राहत बहुत दिनों तक मिलते रहने की उम्मीद कम है. यह आशंका जताई जा रही है कि 5 राज्यों का विधानसभा चुनाव होने के बाद डीजल और पेट्रोल के भाव फिर से चढ़ना शुरू हो सकते हैं.

 

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