
कोरोना की वजह से एविएशन सेक्टर को बड़ा नुकसान हो रहा है. सेंटर फोर एशिया पैसिफिक एविएशन (सीएपीए) के एक अनुमान के मुताबिक इस सेक्टर को वित्त वर्ष में छह से साढ़े छह अरब डॉलर का घाटा हो सकता है. इस संकट से उबरने के लिए करीब 5 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है. आपको बता दें कि सीएपीए घरेलू एविएशन सेक्टर को सलाह देने वाली कंपनी है.
क्या है अनुमान
सीएपीए ने कहा, ‘‘कोविड-19 उद्योग पर एक अभूतपूर्व वित्तीय प्रभाव डालेगा. विमानन उद्योग सबसे कमजोर स्थिति में है और कुछ कंपनियां बंद होने की कगार पर हैं. ’’ उसने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में करीब छह से साढ़े छह अरब डॉलर के घाटे के अनुमान को देखते हुए विमानन व सहायक उद्यमों को साढ़े चार से पांच अरब डॉलर के पूंजी निवेश की जरूरत पड़ सकती है.
सरप्लस का इस्तेमाल करना आसान नहीं
सीएपीए ने बताया कि मौजूदा अनिश्चितता समेत संरचनात्मक दिक्कतें एविएशन सेक्टर को कच्चे तेल की कम कीमतों और भारत व वैश्विक दोनों स्तर पर सरप्लस पूंजी से मदद नहीं लेने दे सकती है. दरअसल, सरप्लस वो पूंजी होती है जो कंपनी मुनाफे से बचाकर रखती है.
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आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये दुनिया भर में यात्रा पर लगी पाबंदियों से भारत समेत पूरी दुनिया में विमानन कंपनियां दिक्कतों से जूझ रही हैं. देश की दो सूचीबद्ध विमानन कंपनियों में से एक इंडिगो को जून तिमाही में 2,844 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. दूसरी कंपनी स्पाइसजेट ने अभी जून तिमाही का परिणाम घोषित नहीं किया है.
हाल ही में इंटरनेशनल एविएशन ट्रैवल एसोसिएशन (IATA) ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कोरोना की वजह से भारतीय विमान सेवा कंपनियों को इस साल 1,122 करोड़ डॉलर (करीब 86 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान होगा और 29 लाख से भी ज्यादा लोग बेरोजगार हो सकते हैं.