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Banking Fraud: घट गए सरकारी बैंकों में फ्रॉड, FY22 में आई इतनी कमी

रिजर्व बैंक ने यह भी बताया कि एक लाख रुपये से कम के फ्रॉड के मामले 01 अप्रैल 2017 से रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. सेंट्रल बैंक ने कहा कि सुधार या अपडेशन के बाद फ्रॉड के ये आंकड़े बदल भी सकते हैं.

कम हुए सरकारी बैंकों में फ्रॉड कम हुए सरकारी बैंकों में फ्रॉड
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST
  • पीएनबी के साथ हुए सबसे ज्यादा फ्रॉड
  • रकम के साथ फ्रॉड के मामलों में भी कमी

पिछले फाइनेंशियल ईयर (FY22) के दौरान सरकारी बैंकों में फ्रॉड (Banking Fraud) में काफी कमी आई है. हालांकि फ्रॉड के मामले ज्यादा कम नहीं हुए, लेकिन इसकी रकम में आधे से ज्यादा गिरावट आई है. रिजर्व बैंक (RBI) ने आरटीआई (RTI) के तहत पूछे जाने पर जवाब में बैंकिंग फ्रॉड के आंकड़ों की जानकारी दी है.

आधी से भी कम हो गई फ्रॉड की रकम

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मध्यप्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ के सवालों के जवाब में रिजर्व बैंक ने बताया कि मार्च 2022 को समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर में सरकारी बैंकों ने 40,295.25 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी दी है. आंकड़ों के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2020-21 (FY21) के दौरान 12 सरकारी बैंकों ने 81,921.54 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी दी थी. हालांकि फ्रॉड के मामलों के हिसाब से देखें तो इतनी तेज गिरावट नहीं आई है. FY21 में फ्रॉड के 9,933 मामले सामने आए थे, जो FY22 में कम होकर 7,940 पर आ गए.

इस बैंक के साथ सबसे ज्यादा फ्रॉड

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने सबसे ज्यादा 9,528.95 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी दी है. पीएनबी के साथ पिछले फाइनेंशियल ईयर में फ्रॉड के 431 मामले सामने आए. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) के साथ इस दौरान 4,192 मामलों में 6,932.37 करोड़ रुपये के फ्रॉड हुए. एसबीआई के साथ फ्रॉड के मामले काफी ज्यादा हैं, जबकि रकम पीएनबी की तुलना में कम है. इससे पता चलता है कि एसबीआई के साथ हुए ज्यादातर फ्रॉड छोटी रकम वाले हैं.

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इन बैंकों को भी लगा चूना

इसी तरह बैंक ऑफ इंडिया (Bank Of India) के साथ 209 मामलों में 5,923.99 करोड़ रुपये के फ्रॉड सामने आए. बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) ने 280 मामलों में 3,989.36 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी दी. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) के साथ 627 मामलों में 3,939 करोड़ रुपये के फ्रॉड हुए. केनरा बैंक (Canara Bank) के साथ महज 90 मामलों में 3,230.18 करोड़ रुपये के फ्रॉड हो गए. इंडियन बैंक (Indian Bank) ने 211 मामलों में 2,038.28 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी दी. इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने बताया कि उसके साथ 312 मामलों में 1,733.80 करोड़ रुपये के फ्रॉड हुए.

बदल सकते हैं आंकड़े

अन्य सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank Of Maharshtra) के साथ 72 मामलों में 1,139.36 करोड़ रुपये के फ्रॉड किए गए. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) के साथ 773.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई. यूको बैंक (Uco Bank) के साथ 114 मामलों में 611.54 करोड़ रुपये की और पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab & Sind Bank) के साथ 159 मामलों में 455.04 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई. रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही यह भी बताया कि एक लाख रुपये से कम के फ्रॉड के मामले 01 अप्रैल 2017 से रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. सेंट्रल बैंक ने कहा कि सुधार या अपडेशन के बाद फ्रॉड के ये आंकड़े बदल भी सकते हैं.

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