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Beer Price Hike: चिलचिलाती गर्मी में चिल्ड बीयर पीना पड़ेगा महंगा, इस वजह से बढ़ रहे हैं दाम

भारत में अल्कोहल की कीमत राज्य सरकारें तय करती हैं. तेलंगाना (Telangana) और हरियाणा (Hariyana) जैसे राज्य पहले ही बीयर के दाम बढ़ा चुके हैं. ब्रूअर्स की मांग पर अन्य राज्य भी ऐसा करने वाले हैं.

बढ़ने वाले हैं बीयर के दाम बढ़ने वाले हैं बीयर के दाम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST
  • दाम बढ़ाने की मांग कर रहीं बीयर कंपनियां
  • जौ समेत सारे रॉ मटीरियल्स हुए महंगे

गर्मियों के महीनों में बीयर कंपनियों (Beer Companies) की बिक्री और कमाई बढ़ जाती है. लोग भी चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए चिल्ड बीयर (Chilled Beer) का सहारा लेते हैं. हालांकि इस साल ऐसा करना महंगा पड़ने वाला है. जौ (Barley) समेत अन्य रॉ मैटेरियल्स (Raw Materilas) की कीमतें बढ़ने के कारण बीयर बनाने वाली कंपनियां (Brewers) दाम बढ़ा रही हैं. ऐसे समय में जब पारा चरम पर है, ब्रूअर्स बीयर के दाम (Beer Prices) 10-15 फीसदी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

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भारत में राज्य सरकारें तय करती हैं दाम

भारत में अल्कोहल की कीमत राज्य सरकारें तय करती हैं. तेलंगाना (Telangana) और हरियाणा (Hariyana) जैसे राज्य पहले ही बीयर के दाम बढ़ा चुके हैं. ब्रूअर्स की मांग पर अन्य राज्य भी ऐसा करने वाले हैं. ब्रूअर्स का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से जारी जंग के चलते जौ के दाम साल भर पहले की तुलना में 65 फीसदी बढ़ चुके हैं. इसके अलावा पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन की लागत भी बढ़ी है. इन कारणों से बीयर के दाम बढ़ाए जाने चाहिए.

ये हैं बीयर कंपनियों की परेशानियां

ईटी की एक रिपोर्ट में बडवाइजर (Budweiser) और होएगार्डन (Hoegaarden) बीयर बनाने वाली कंपनी AB InBev के हवाले से कहा गया है कि अल्कोहल बनाने वाली कंपनियां सरकारों से दाम बढ़ाने की मंजूरी देने की मांग कर रही है. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, 'हमें लगता है कि कमॉडिटीज और नॉन-कमॉडिटीज की कीमतें हाल-फिलहाल नरम नहीं पड़ने वाली हैं. ग्लोबल सप्लाई चेन की दिक्कतों के चलते हर महीने इनके भाव बढ़ ही रहे हैं. जौ जैसी जरूरी चीजों के दाम तेजी से बढ़े हैं. पैकेजिंग मटीरियल्स भी महंगे हुए हैं.'

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जौ-गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक हैं ये देश

दरअसल रूस और यूक्रेन दोनों ही देश गेहूं (Wheat), जौ (Barley) जैसी फसलों के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों में शामिल हैं. गेहूं के मामले में रूस दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है तो यूक्रेन चौथे स्थान पर है. दोनों देश मिलकर गेहूं के टोटल ग्लोबल एक्सपोर्ट में 25 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. इसी तरह जौ के मामले में भी दोनों देश टॉप5 एक्सपोर्टर्स में शामिल हैं. बीयर बनाने में सबसे ज्यादा जौ का इस्तेमाल होता है. इसके बाद गेहूं का भी बीयर बनाने में ठीक-ठाक इस्तेमाल होता है. रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के कारण जौ-गेहूं की आपूर्ति बाधित हुई है.

इन महीनों में होती है बीयर की ज्यादा बिक्री

भारत में मार्च से जुलाई के दौरान ही 40 से 45 फीसदी बीयर की बिक्री होती है. बीयर कंपनियों का अनुमान था कि लगातार 2 सीजन खराब होने के बाद इस साल उनकी बिक्री सालाना आधार पर 40 फीसदी बढ़ सकती है. रेस्तरां, बार और क्लब आदि कोरोना महामारी से जुड़ी पाबंदियों के चलते पिछली दोनों गर्मियों में बंद पड़े रहे. बीयर की ज्यादातर बिक्री यहीं होती है. साल 2020 मे तो जब पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था, कई Brewers को हजारों लीटर बीयर नालियों में बहाने पर मजबूर होना पड़ा था.

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