
भारतीयों में गोल्ड को लेकर अलग ही दीवानगी है. चाहे दुकानों से अपने पहनने के लिए ज्वैलरी खरीदनी हो या निवेश के लिए बिस्किट-गिन्नी यानी फिजिकल या फिर गोल्ड में वरचुअल निवेश करना हो, भारतीय इसमें कभी पीछे नहीं रहते हैं. सरकार ने व्यापार घाटा कम करने के लिए फिजिकल गोल्ड का इम्पोर्ट घटाने के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का दांव चला और निवेशकों ने जमकर इसमें पैसा लगाया.
वहीं देश में फिजिकल गोल्ड की तो हर साल अच्छी खासी खरीदारी हो ही रही है. बदलती टेक्नोलॉजी के साथ-साथ गोल्ड खरीदने के तरीकों में भी काफी बदलाव आए हैं जिनसे भारतीयों का डिजिटल गोल्ड में आकर्षण तेजी से बढ़ा है. गोल्ड की खरीदारी और निवेश से जुड़े ट्रेंड पर डिजिटल गोल्ड के निवेशकों और गैर-निवेशकों के बीच नावी ने हाल ही में एक सर्वे कराया था जिसमें डिजिटल गोल्ड में निवेश बढ़ने की 4 बड़ी वजहें सामने आई हैं.
शानदार रिटर्न ने बढ़ाया निवेश
डिजिटल गोल्ड में निवेश की बड़ी वजह इससे मिलने वाला शानदार रिटर्न है. नावी के सर्वे के मुताबिक 50 फीसदी लोगों ने डिजिटल गोल्ड में हाल के दिनों में मिले अच्छे रिटर्न के चलते निवेश किया है. इसके बाद डिजिटल गोल्ड में निवेश करने की दूसरी प्रमुख वजह है कि इसमें चोरी का डर नहीं है. नावी के सर्वे में लोगों ने कहा है कि फिजिकल गोल्ड रखने के मुकाबले डिजिटल गोल्ड कम जोखिम भरा है.
ये कम जोखिम इसलिए कहा गया है क्योंकि साइबर ठगी के दौर में सेंध तो बैंक में रखे पैसों में भी लग जाती है. लेकिन इसके घर से चोरी होने का डर ना होने की वजह से 39 फीसदी लोगों का मानना है कि इसे रखना सुरक्षित है.
आसान खरीद-फरोख्त से सुविधा
नावी के सर्वे में आगे कहा गया है कि प्योरिटी से जुड़ा कोई डर ना होना भी डिजिटल गोल्ड में निवेश के आकर्षण को बढ़ाता है. सोने में शुद्धता को लेकर नावी के सर्वे में शामिल लोगों में से 36 फीसदी ने इसी वजह से 'डिजिटल गोल्ड' में निवेश किया है क्योंकि 24 कैरेट शुद्ध सोना खरीदने से पहले यहां पर जरा भी सोचना नहीं पड़ता है.
डिजिटल गोल्ड खरीदने की चौथी वजह भी काफी दिलचस्प है. लोगों का कहना है कि ये खरीदारी सुविधाजनक है. नावी के सर्वे में शामिल 25 फीसदी का कहना है कि डिजिटल गोल्ड खरीदना और बेचना बेहद आसान है. ऐप के जरिए किसी भी समय इसे भुनाया जा सकता है और निवेश को ट्रैक करना भी सहूलियत भरा है.
फिजिकल गोल्ड का आकर्षण बरकरार
इस सर्वे रिपोर्ट में डिजिटल गोल्ड में निवेश को लेकर चुनौतियों पर भी खुलासा किया गया है. इनमें प्रक्रिया और मुनाफे पर मिलने वाली अनिश्चितता शामिल हैं. ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि सर्वे में शामिल 67 फीसदी नॉन-यूजर्स डिजिटल गोल्ड में निवेश की प्रक्रिया या इससे मिलने वाले फायदों के बारे में अंजान थे.
इसके अलावा टच एंड फील की सुविधा नहीं होने की वजह से भी 44 फीसदी ने फिजिकल गोल्ड को प्राथमिकता दी. सर्वे के मुताबिक डिजिटल गोल्ड में निवेश ना करने की दूसरी वजहों में स्टॉक मार्केट के मुकाबले मिलने वाले कम रिटर्न और ऑनलाइन धोखाधड़ी का डर भी शामिल है. वैसे GST भी इसकी एक वजह है जो डिजिटल या फिजिकल गोल्ड दोनों के निवेशकों के लिए एक बड़ी दुविधा है.