
भारतीय आईटी उद्योग के पितामह कहे जाने वाले फकीर चंद कोहली नहीं रहे. फकीर चंद कोहली का 96 साल की उम्र में निधन हो गया. कोहली देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी टाटा कंसल्टेन्सी सर्विसेज (TCS) के फाउंडर और पहले सीईओ थे.
फकीर चंद कोहली का जन्म 19 मार्च 1924 को हुआ था. उनका जन्म आजादी के पूर्व भारत के पेशावर (वर्तमान में पाकिस्तान में) में हुआ था, यहीं उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी की थी. उसके बाद 1948 में कनाडा के क्वीन यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीएससी (ऑनर्स) पूरी की थी.
फकीर चंद कोहली के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया. उन्होंने कहा कि फकीर चंद कोहली के आईटी क्षेत्र में योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.
कोहली साल 1951 में टाटा इलेक्ट्रिक कंपनियों में शामिल हुए और सिस्टम संचालन के प्रबंधन के लिए लोड डिस्पैचिंग सिस्टम स्थापित करने में मदद की. साल 1970 में फकीर चंद टाटा इलेक्ट्रिक कंपनियों के निदेशक बने.
साल 1970 में कंपनी के निदेशक बनने के बाद उन्हें टीसीएस के पहले सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया. साल 1999 में वह 75 वर्ष की आयु में रिटायर हुए. रिटायर होने के बाद भी कोहली TCS के साथ सलाहकार के रूप में काम करते रहे.
कोहली 1991 में आईबीएम को टाटा-आईबीएम के हिस्से के रूप में भारत लाने के निर्णय में सक्रिय रूप से शामिल थे. यह भारत में हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग के लिए ज्वाइंट वेंचर का हिस्सा था. उन्होंने टीसीएस के पहले सीईओ के रूप में देश को 100 बिलियन डॉलर की आईटी इंडस्ट्री के निर्माण में मदद की.
वयस्क साक्षरता कार्यक्रम पर किया काम
कोहली ने एक वयस्क साक्षरता कार्यक्रम पर काम किया. भारत में आईटी क्रांति के जनक कहे जाने वाले फकीर चंद कोहली को साल 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.