
उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) का अडानी ग्रुप 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में उतरने वाला है. इसका असर सोमवार (11 जुलाई) को शेयर मार्केट (Share Market) पर दिख रहा. भारती एयरटेल (Airtel Share) के शेयर शुरुआती ट्रेडिंग में ही लगभग पांच फीसदी तक गिर गए. टेलिकॉम सेक्टर में अडानी ग्रुप के रूप में एक और प्लेयर के बढ़ने का असर एयरटेल के शेयर पर नजर आ रहा है.
अडानी ग्रुप 5G टेलिकॉम स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल हो गया है. इसे मुकेश अंबानी की Reliance Jio और सुनील भारती मित्तल के Airtel के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है.
कितना गिरा एयरटेल का शेयर
सुबह 9.37 बजे तक BSE पर भारती एयरटेल का शेयर 4.53 फीसदी की गिरावट के साथ 663.75 रुपये पर था. जियो की मालिक कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी शेयर 0.3 फीसदी गिरकर 2383.95 रुपये पर आ गया था. हालांकि, वोडाफोन आइडिया के शेयर पर ज्यादा असर नहीं पड़ा. ये मामूली बढ़त के साथ 8.46 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.
दूसरी तरफ अडानी एंटरप्राइजेज (AEL) के शेयरों में सोमवार को दो फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. 46.95 रुपये की बढ़त के साथ अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर के भाव 2,340 रुपये हो गए हैं.
कस्टमर्स को सर्विस नहीं
अडानी समूह ने एक बयान में साफ कहा कि वो कस्टमर्स को 5जी सर्विस देने नहीं देगी, बल्कि उसे 5G स्पेक्ट्रम अपने कारोबार के लिए चाहिए. इसलिए उसने इस बार की बिड प्रोसेस में हिस्सा लिया है. कंपनी को अपने एयरपोर्ट और पोर्ट पर साइबर सिक्योरिटी, पावर जेनरेशन, ट्रांसमिशन, फैक्टरीज, रिटेल से लेकर डेटा सेंटर तक और सुपर ऐप्स के लिए हाई-क्वालिटी और स्पीड वाले इंटरनेट की जरूरत है.
26 जुलाई से पहली नीलामी
सरकार 72 गीगाहर्ट्ज 5जी फ्रीक्वेंसी की बिक्री करने वाली है. इसका बेस प्राइस पर 4.5 लाख करोड़ रुपये तक हो सकती है. दूरसंचार नियामक द्वारा अनुशंसित कीमतों पर 600 मेगाहर्ट्ज से 26 गीगाहर्ट्ज तक के 10 बैंड में 20 वर्षों के लिए एयरवेव्स की नीलामी की जाएगी. एयरटेल, जियो, वोडाफोन आइडिया और अदानी ग्रुप ने 26 जुलाई से भारत में 5जी स्पेक्ट्रम की पहली नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आवेदन किया है.