
किसी इंसान के पास बेशुमार दौलत हो और उसे पता भी न चले, तो इसे खराब किस्मत ही कहेंगे. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है ब्रिटेन में जहां 9 साल पहले एक व्यक्ति ने कंप्यूटर की हार्ड डिस्क (Hard Disk) को कचरे के ढेर में फेंक दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, इस डिस्क में 8000 बिटक्वाइन (Bitcoin) सेव थे.
1446 करोड़ के बिटक्वाइन थे डिस्क में
दक्षिणी वेल्स के न्यू पोर्ट (New Port) के रहने वाले जेम्स हॉवेल्स (James Howells) ने साल 2013 में आईफोन-6 के आकार की एक हार्ड डिस्क को कचरे के ढेर में फेंक दिया था. लेकिन अब नौ साल बीतने के बाद उसे पता चला कि जो हार्ड डिस्क उसने बेकार समझकर फेंक दी थी, वो उसकी किस्मत खोलने वाली थी. दरअसल, उस डिस्क में 8000 Bitcoin सेव थे. वर्तमान मूल्य के हिसाब से देखें तो इनकी कीमत 1446 करोड़ रुपये होती है.
खराब समझकर फेंकी थी हार्ड डिस्क
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, हॉवेल के पास लैपटॉप की दो हार्ड डिस्क मौजूद थीं. इनमें से एक खाली थी, जबकि दूसरे में बिटक्वाइन सेव थे. हार्ड डिस्क में सेव बिटक्वाइन की माइनिंग (Bitcoin Mining) 2009 में की गई थी.
जब उसे इस बात का पता चला कि गलती से उसने सबसे कीमती क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन (Crypto Currency Bitcoin) वाली हार्ड ड्राइव को फेंक दिया था, तो उसे जबर्दस्त झटका लगा. इब उसने इसे ढूंढ़ने का एक मास्टर प्लान तैयार किया है.
खोजने के लिए बनाया मास्टर प्लान
जेम्स हॉवेल ने अपनी नौ साल पहले खोई हार्ड डिस्क को खोजने के लिए जो मास्टर प्लान (Master Plan) बनाया है, वो भी बेहद खर्चीला है. इस प्लान पर 11 मिलियन डॉलर (87 करोड़ रुपये से ज्यादा) का खर्चा आएगा. हॉवेल हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अपने खोए खजाने को वापस पाने की तैयारी कर रहे हैं.
उनकी योजना डंपयार्ड में मौजूद करीब 110,000 टन कचरे में हार्ड डिस्क ढूंढ़ने की है. इसके लिए उन्होंने एक टीम तैयार की है, जिसमें दो रोबोटिक डॉग भी मौजूद हैं.
अथॉरिटी ने हॉवेल की मांग ठुकराई
लगभग एक दशक बाद कचरे के ढेर में खोई हार्ड डिस्क का पता लगाना बेहद मुश्किल काम जरूर हैं. लेकिन पूर्व आईटी कर्मचारी हॉवेल पूरी तरह से आश्वस्त हैं. हालांकि, उनकी डंपयार्ड की खुदाई करने की मांग को न्यूपोर्ट की नगर परिषद ने फिलहाल, खारिज कर दिया है. परिषद ने कहा है कि यह महंगा और पर्यावरण के लिए हानिकारक होगा.