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Britannia के बुलंदियों पर पहुंचने की कहानी... 295 रुपये से शुरुआत, आज 60 देशों में फैला कारोबार!

Journey Of Britannia Biscuit : आजादी से पहले शुरू हुई ब्रिटानिया बिस्कुट कंपनी का नाम 1979 में बदलकर Britannia Industries Ltd किया गया था. आज इसके तमाम प्रोडक्ट्स हैं, लेकिन फिर भी 80% रेवेन्यू बिस्कुट से ही आता है.

आजादी के पहले ही शुरू हो गया था ब्रिटानिया बिस्कुट का कारोबार आजादी के पहले ही शुरू हो गया था ब्रिटानिया बिस्कुट का कारोबार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2024,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

ब्रिटानिया बिस्कुट (Britannia Biscuit) आज इंडस्ट्री का बड़ा नाम है और लगभग हर घर में बच्चे, बूढ़े या जवान ने इसका स्वाद चखा होगा. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आज दुनिया में डंका बजाने वाली इस कंपनी की शुरुआत कैसे और कब (Britannia Industries History) हुई थी? तो बता दें इसका इतिहास भारत की आजादी से पहले का है और कोलकाता (Kolkata) में एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ इसका सफर दुनिया के 60 देशों में पहुंच चुका है. हालांकि, अब कंपनी ने अपनी ये यूनिट को बंद करने का फैसला किया है, जिसके बाद से ये चर्चा में है. 

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छोटी सी दुकान और 295 रुपये से शुरुआत
ब्रिटानिया के प्रोडक्ट्स देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में पसंद किए जाते हैं. ये एक भारतीय मल्टीनेशनल फूड प्रोडक्ट्स कंपनी है और इसका इतिहास देश को आजादी मिलने से पहले का है. दरअसल, Britannia की शुरुआत की बात करें, तो इसकी नींव साल 1892 में पड़ी थी और पूरानी रिपोर्ट्स के मुताबिक महज 295 रुपये के निवेश से इसे शुरू किया गया था. हालांकि, इसकी कंपनी को ब्रिटिश कारोबारियों द्वारा ही शुरू किया गया था. फिलहाल, Wadia Family के कारोबार में अहम हिस्सा है. कंपनी की शुरुआत एक छोटे से घर में बिस्किट बनाने से हुई थी.

द्वितीय विश्व युद्ध में बुलंदियों पर बिजनेस
सालों तक इसी तरह ये कारोबार चलता रहा, फिर साल 1910 में बिजली से चलने मशीन की मदद से बिस्कुट का प्रोडक्शन बढ़ाया गया और फिर डिमांड के साथ बढ़ती आय के बीच कंपनी ने 1921 में इंडस्ट्रियल गैस ओवन्स का इंपोर्ट शुरू कर दिया. इसके बाद वाडिया फैमिली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1924 में मुंबई में एक बड़ी फैक्ट्री स्थापित कर दी. इसके बाद ब्रिटानिया की पॉपुलैरिटी में जोरदार इजाफा हुआ. फिर द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के समय कंपनी के बिस्कुट की मांग आसमान पर पहुंच गई थी. युद्ध के दौरान भारत के साथ-साथ मित्र देशों की फौज को बिस्कुट सप्लाई करने का बड़ा ऑर्डर मिला था. 

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कंपनी का 80% रेवेन्यू बिस्कुट प्रोडक्ट्स से 
कंपनी ने अपने कारोबार का विस्तार करते हुए नए नए बिस्कुट ब्रांड निकालना शुरू कर दिया और इसके तहत 1955 में बरबन और 1963 में ब्रिटानिया केक को इंट्रोड्यूस किया. इसके बाद कंपनी ने एक और स्टेप उठाया और 3 अक्टूबर 1979 को ब्रिटानिया बिस्कुट कंपनी लिमिटेड (Britannia Biscuit Company Limited) से बदलकर इसका नाम ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Britannia Industries Limited) कर दिया. फिलहाल, इसका बिजनेस दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में फैला है. खास बात ये है कि डेयरी समेत अन्य प्रोडक्ट्स लॉन्च कर चुकी इस कंपनी में अभी भी 80 फीसदी रेवेन्यू बिस्कुट प्रोडक्ट्स से ही आता है. 

कोलकाता यूनिट बंद करने का ऐलान, शेयर पर असर!
अब ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिडेट का मार्केट कैपिटलाइजेशन मौजूदा समय में 1.29 लाख करोड़ रुपये है. इसकी कमान चेयरमैन नुस्ली वाडिया (Nusli Wadia) के हाथ में है. कंपनी से जुड़ी एक बड़ी खबर बीते कारोबारी दिन सोमवार को आई थी और इसके मुताबिक कोलकाता के तारातला में स्थित ये ऐतिहासिक बिस्टिक फैक्ट्री को बंद किए जाने का ऐलान कंपनी द्वारा किया गया है. हालांकि, इस खबर का असर कंपनी के शेयरों पर मंगलवार को कम ही नजर आया और खबर लिखे जाने तक दोपहर के 1.30 बजे पर Britannia Share एक फीसदी की उछाल के साथ 5,370 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. 

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