
भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को इतिहास रच दिया. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स ने पहली बार 50 हजार का आंकड़ा पार किया है. करीब 41 साल पहले ही 100 के आधार अंक से शुरू हुआ सेंसेक्स साल 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने पर 25 हजार तक पहुंचा था और इसी राज के सात साल के भीतर 50 हजार तक पहुंच गया. आइए जानते हैं कैसी रही सेंसेक्स की यह यात्रा और इसने किस तरह से उतार-चढ़ाव देखे?
देश में शेयर बाजार और इनके कारोबार काफी पहले से चल रहे हैं. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (जिसे अब BSE लिमिटेड कहा जाता है) कि स्थापना 1875 में ही हो गयी थी. यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. लेकिन 30 शेयरों वाले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक सेंसेक्स का गठन 1 अप्रैल 1979 को हुआ, तब इसका सूचकांक 100 माना गया और इसका बेस ईयर 1978-79 को माना गया.
सेंसेक्स असल में सेंसेटिव इंडेक्स का शॉर्ट फॉर्म है. सेंसेक्स में 30 दिग्गज और सबसे सक्रिय कारोबार वाली कंपनियों के शेयरों को रखा जाता है.इसे भारतीय शेयर बाजार की धड़कन माना जाता है.
1990 में 1000 पार
1 अप्रैल को अपने गठन के बाद 3 अप्रैल 1979 को सेंसेक्स 124.15 पर बंद हुआ. इसके बाद 2 जनवरी 1981 को सेंसेक्स 152.26 पर बंद हुआ. 19 जुलाई 1985 को सेंसेक्स पहली बार 500 के स्तर को पार कर 505.9 पर बंद हुआ. 25 जुलाई 1990 को सेंसेक्स पहली बार 1 हजार के पार पहुंचा और 1007.97 पर बंद हुआ. इस साल अच्छी मॉनसूनी बारिश और कंपिनयों के बेहतरीन नतीजों की वजह से सेंसेक्स में काफी उछाल आया.
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मनमोहन का उदारीकरण और सेंसेक्स 2000 पार
इसके अगले डेढ़ साल में ही सेंसेक्स ने 2000 का आंकड़ा छुआ. 15 जनवरी 1992 को सेंसेक्स 2020.18 पर बंद हुआ. तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने उदारीकरण की नीतियां शुरू की जिससे शेयर बाजार गदगद हो गया.
हर्षद मेहता कांड से नुकसान
मार्च 1992 में सेंसेक्स पहली बार 4 हजार के स्तर पर बंद हुआ. लेकिन इसके बाद सेंसेक्स 2900 से 4900 के बीच झूलता रहा और इसे 5 हजार तक पहुंचने में सात साल से ज्यादा लग गया. असल में इसी साल हर्षद मेहता के घोटाले का खुलासा होने से शेयर बाजार गोते खाने लगा और इसमें भारी बिकवाली हुई.
बीजेपी पहली बार सत्ता में, सेंसेक्स 5000 पार
साल 1999 में 13वीं लोकसभा चुनाव जीतकर भारतीय जनता पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली बार सत्ता में आयी. इसकी वजह से शेयर बाजार ने 5,000 का आंकड़ा पार कर लिया. 11 अक्टूबर 1999 को सेंसेक्स 5031.78 पर बंद हुआ.
अंबानी बंधुओं में सुलह का असर
20 जून 2005 को यह खबर आयी कि मुकेश अंबानी और उनके भाई अनिल अंबानी के बीच सुलह हो गयी है. इस खबर से निवेशकों में सेंटिमेंट काफी मजबूत हुआ और सेंसेक्स पहली बार 7,000 के पार पहुंच गया.
2006 में 10 हजार पार
सेंसेक्स को 5 हजार से 10 हजार से पहुंचने में 6 साल से ज्यादा समय लग गया. 7 फरवरी 2006 को सेंसेक्स 10082.28 पर बंद हुआ. लेकिन अगले डेढ़ साल में ही सेंसेक्स 10 से 15 हजार के स्तर पर पहुंच गया.
साल 2007 बेहतरीन साबित हुआ
9 जुलाई 2007 को सेंसेक्स 15045.73 पर बंद हुआ. यह साल सेंसेक्स के लिए बेहतरीन साबित हुआ. अगले छह महीने में ही सेंसेक्स 20 हजार के स्तर पर पहुंच गया. दिसंबर 2007 में सेंक्सस ने 20,000 का स्तर पार किया.
साल 2008 की मंदी ने बिगाड़ दिया खेल
8 जनवरी 2008 को सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान 21 हजार का स्तर पहली बार पार किया था, लेकिन यह बंद 21 हजार से नीचे बंद हुआ था. लेकिन इसी साल आयी अंतरराष्ट्रीय मंदी से पूरा खेल बिगड़ गया. इसके बाद सेंसेक्स को फिर वापस 21 हजार के स्तर तक जाने में करीब 3 साल लग गये.
मंदी की वजह से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों के साथ ही भारतीय शेयर बाजार भी धराशायी हो गये. 10 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 14889.25 पर बंद हुआ. इसी साल 16 जुलाई को सेंसेक्स 12575.8 पर बंद हुआ. यही नहीं, नवंबर 2008 में सेंसेक्स 8451.01 के स्तर तक पहुंच गया.
साल 2009 में भी शेयर बाजार की हालत खराब रही और मार्च 2009 में सेंसेक्स 8160.4 के स्तर तक बंद हुआ. लेकिन अप्रैल 2009 से शेयर बाजारों की हालत सुधरने लगी. जून 2009 में सेंसेक्स फिर 15 हजार के स्तर तक पहुंचा. इसके बाद सितंबर 2010 में सेंसेक्स फिर 20 हजार के स्तर तक पहुंचा.
3 जनवरी, 2011 को सेंसेक्स 20,561.05 पर बंद हुआ. हालांकि इसके बाद इस साल शेयर बाजार में काफी गिरावट का दौर देखा गया और इसी साल 5 अक्टूबर को सेंसेक्स गिरते हुए 15792.41 के स्तर पर बंद हुआ. इसके बाद सेंसेक्स को फिर 20 हजार के स्तर पर आने में 2 साल लग गये.
साल 2014 में नरेंद्र मोदी के आगमन का बाजार ने किया स्वागत
साल 2013 में बीएसई सेंसेक्स ने पलटी मारी और 18 जनवरी 2013 को सेंसेक्स फिर 20039.04 पर जाकर बंद हुआ. लेकिन इसके 20 से 25 हजार तक पहुंचने में सिर्फ डेढ़ साल लगे. साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी. इससे शेयर बाजार में भी उत्साह का माहौल बना. 16 मई 2014 को ही सेंसेक्स 25,364 के स्तर तक पहुंच गया था, हालांकि यह बंद 25 हजार से नीचे हुआ. 5 जून 2014 को सेंसेक्स 25019.51 पर बंद हुआ. सेसेंक्स को 25 हजार से 30 हजार तक पहुंचने में तीन साल और लगे.
साल 2017 में 30 हजार का स्तर
साल 2017 के अप्रैल महीने में सेंसेक्स 30133.35 तक पहुंच गया. अगले एक साल में ही सेंसेक्स 35 हजार के लेवल पर पहुंच गया. 17 जनवरी 2018 को सेंसेक्स 35081.82 पर बंद हुआ. अगले करीब 22 महीने लगे फिर सेंसेक्स को 40 हजार के स्तर तक पहुंचने में. 30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स 40051.87 के स्तर पर पहुंच गया.
कोरोना संकट में उतार-चढ़ाव
लेकिन इसके बाद साल 2020 का कोरोना का भयावह दौर आ गया. जनवरी 2020 में 42 हजार के करीब पहुंच गया सेंसेक्स मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद धराशायी होकर मार्च 2020 में 25981.24 तक पहुंच गया. हालांकि अप्रैल के अंत और मई से फिर सेंसेक्स तेजी आने लगी.
15 महीने से कम समय में 40 से 50 हजार
30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स पहली बार 40 हजार के पार बंद हुआ था. लेकिन कोरोना संकट के दौर में पिछले साल लोगों के पास निवेश के बहुत कम साधन रह गये और विदेशी निवेशकों को भी भारत के शेयर बाजार में पैसा लगाना आकर्षक लगने लगा. तो विदेशी निवेश प्रवाह और घरेलू निवेशकों के दम पर सेंसेक्स करीब एक साल में ही 40 से 45 हजार तक पहुंच गया. 4 दिसंबर, 2020 को सेंसेक्स 45079.55 तक पहुंच गया. इसक बाद करीब डेढ़ महीने में ही 21 जनवरी 2021 को सेंसेक्स 50 हजार के पार पहुंच गया.