
सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (MTNL) की आर्थिक हालत खस्ता है, यह बात जगजाहिर है. शायद इसी वजह से दोनों कंपनियां अब तक एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के मद में करीब 10,187 करोड़ रुपये बकाये का भुगतान नहीं कर पाई हैं.
हालांकि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को बकाया चुकाने के लिए मोहलत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने आदेश में टेलीकॉम ऑपरेटर्स को निर्देश दिया था कि उन्हें 31 मार्च, 2021 तक दूरसंचार विभाग की मांग के अनुसार कुल बकाया में से 10 फीसदी का भुगतान करना होगा.
कितना है बकाया
दूरसंचार विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 तक बीएसएनएल के ऊपर एजीआर बकाया 5,835 करोड़ रुपए और एमटीएनएल के मामले में यह करीब 4,352 करोड़ रुपए था. इसमें ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज शामिल है. यानी कुल बकाया करीब 10,187 करोड़ रुपये कर है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल ने एजीआर बकाया मद में अभी तक किसी राशि भुगतान नहीं किया है.
इन कंपनियों ने चुकाया बकाया
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार भारती एयरटेल ने कुल मांग में से 18,004 करोड़ रुपए, वोडाफोन आइडिया ने 7,854.37 करोड़ रुपए, टाटा ग्रुप ने 4,197.37 करोड़ रुपए, क्वाड्रेंट टेलीवेंचर्स ने 19.73 करोड़ रुपए, रिलायंस जियो 195.18 करोड़ रुपए, ह्यूजेस कम्युनिकेशंस ने 62.9 करोड़ रुपए, आर कॉम ने 4.69 करोड़ रुपए और एतिसलात डीबी ने 8.4 करोड़ रुपए दिये हैं.
बीएसएनएल और एमटीएनएल सुप्रीम कोर्ट में एजीआर मामले में पक्ष नहीं थे. लेकिन दूरसंचार विभाग के एजीआर बकाया मामले में कंपनियों की सूची में सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों के नाम थे.