
बिजनेस टुडे माइंडरश में आए मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि नए निवेशकों को हमेशा लर्निंग पर फोकस करना चाहिए. मार्केट में लोग पैसे कमाने के लालच से आते हैं, जिसमें से कुछ बहुत ज्यादा लालच के चक्कर में ट्रेडिंग का रास्ता अपना लेते हैं, जो गलत है. मार्केट में हमेशा लॉन्ग टर्म की ओर सोचना चाहिए.
इक्विटी और Mutual Funds में लॉन्ग टर्म विजन के साथ निवेश करके आप अच्छी वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मार्केट के गिरावट से मैं परेशान नहीं हूं. कई बार मार्केट में गिरावट हुआ है. यह मार्केट का नेचर है. एक समय पर चढ़ता है तो आगे जाकर मार्केट में करेक्शन भी आता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में देखें तो मार्केट ने अच्छी ग्रोथ दिखाई है. उन्होंने कहा कि Nifty पहले धीरे-धीरे बढ़ता था, लेकिन कोविड के बाद इसमें शानदार ग्रोथ देखने को मिली है.
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
हमारे लिए बहुत बड़ा चैलेंज वैल्यूज, गवर्नेंस, कस्टमर एक्सप्रीएंश और लोगों का व्यवहार रहता है. 26 फीसदी लोग इक्विटी मार्केट में डायरेक्ट निवेश कर रहे हैं. अलग-अलग विजन और गोल के साथ कस्टमर सेम मार्केट में आते हैं. स्माल इन्वेस्टर्स मार्केट में 100 रुपये की एसआईपी निवेश करते हैं. अगर हम डेटा को देखें तो नए इन्वेस्टर्स IPO और SIP से ज्यादा आते हैं. पिछले कुछ सालों में डीमैट अकाउंट की संख्या 4 गुना बढ़ी है.
SIP से बनेगी वेल्थ
मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि जो लोग वेल्थ बनाने के बारे में सोच रहे हैं उन्हें SIP में लॉन्ग टर्म में निवेश करना चाहिए. लेकिन ज्यादातर लोग ट्रेडर्स बनने के बारे में सोच रहे हैं, जिस कारण उन्हें नुकसान हो रहा है. ट्रेंडिंग कई कारक पर निर्भर होता है और उसमें ज्यादा रिक्स होतो है. आप बिना सभी फैक्टर जाने सेफ फील नहीं कर सकते, जो असंभव सा है.
अब बहुत सी चीजें बदल चुकी हैं
मैंने जब शुरू किया तो रेग्युलेटरी नहीं था. ब्रोकरेज चार्ज भी सामने नहीं आते थे. लेकिन रेगुलेटरी के आने से बहुत सी चीजें बदली हैं. नए ट्रेंड को देखें तो मार्केट में काफी दिलचस्पी बनी हुई है. लर्निंग और एजुकेशनल के आधार पर लोग सही जगह पैसा लगा रहे हैं. 80 फीसदी लोग नए हैं, उन्हें सीखने की ओर बढ़ना चाहिए. यह बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. नए असेट क्लास डेवलप हो रहा है. कुछ लोग कमोडिटी और सिल्वर-चांदी में भी निवेश कर रहे हैं, जो काफी अच्छा है.
एसआईपी और डोमेस्टिक इन्टिट्यूशन ने मार्केट को संभाला है
विदेशी निवेशकों की सेलिंग से मार्केट में ज्यादा इम्पैक्ट पड़ता है. पिछले कुछ समय में हमने यह प्रक्रिया देखी भी है. लेकिन डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशन ने मार्केट को संभाला है. डोमेस्टिक इंटिट्यूशन की संख्या कम है. हालांकि SIP फ्लो ने भी भारतीय मार्केट को मजबूत बनाकर रखा है.