
बजट आजतक 2023 (Budget Aaj Tak 2023) के कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने शिरकत की. उन्होंने देश में एजुकेशन के प्लान और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए बजट में हुए ऐलान को विस्तार से बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि पहली बार शिक्षा के लिए देश में इस तरह का बजट का ऐलान हुआ है. देश में डिजिटल लाइब्रेरी ओपन होंगी. भारत में सबसे अधिक डिजिटिल से जुड़ी गतिविधियां हो रही हैं.
शिक्षकों फर फोकस
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस बजट में शिक्षकों की कैपिसिटी को बिल्डअप करने पर अधिक फोकस है. प्रधान ने कहा कि टेक्वनोलॉजी ने समय को फास्ट फॉरवर्ड कर दिया है. इस तकनीक से बच्चों को जोड़ना है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा को जड़ों से जोड़ना है और साथ ही उसे 21वीं सदी के लिए तकनीक से भी जोड़ना है.
शिक्षकों के लिए नीति
देश में शिक्षकों के लिए क्या एक साफ नीति होनी चाहिए. क्योंकि अक्सर शिक्षकों को अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरना पड़ता है. इस सवाल पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बिल्कुल होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में लंबे समय से 10 हजारों पद रिक्त थे. इन्हें भारत सरकार अब भर रही है. केंद्रीय विद्यालय से लेकर देश के आईआईटी में रिक्त पदों को भरा जा रहा है. शिक्षकों के बिना किसी भी तरह के विकास की कल्पना करना मुश्किल है. इसलिए उन्हें सम्मान देना ही होगा.
बहस के लिए तैयार है सरकार
अडानी के मामले पर उन्होंने कहा कि सरकार संसद में बैठी है. विपक्ष को जिस मुद्दे पर बहस करनी है करे. जो सवाल पूछने हैं पूछ सकता है. लेकिन वो सिर्फ हंगामा मचाने के उदेश्य से आएंगे तो बहस कैसे संभव होगा. संसद में अभी बहुत समय है.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कई विषय रखे गए हैं. ये जितनी जल्दी जमीन पर उतरेंगे उतना ही सही होगा. इसे धरातल पर उतारना ही हमारा दायित्व है. बता दें कि आम बजट 2023-24 में शिक्षा के लिए 1,12,899 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं.
जयंत सिन्हा ने कही ये बात
धर्मेंद्र प्रधान से पहले पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के बजट में हुई कटौती पर कहा कि शिक्षा, स्वास्थ और कृषि के बजट पर सिर्फ केंद्र के आवंटन को देखना सही नहीं है. क्योंकि राज्य सरकारें भी इसके लिए 55 लाख करोड़ रुपये खर्च करने वाली हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को सरकार लागू करने वाली है.