
बिजनेस टुडे India@100 समिट में रिटेल सेक्टर के दिग्गजों का जमावड़ा देखने को मिला. उन्होंने देश के ग्राहकों के व्यवहार में बदलाव से लेकर इस क्षेत्र में सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की. इस दौरान सभी ने डिजिटलीकरण को एक बड़ा गेम चेंजर करार दिया.
चर्चा के दौरान ये लोग रहे शामिल
रिटेल सेक्टर के पैनल में हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेज के सीईओ नीरज गर्ग (Neeraj Garg), एमेजॉन प्राइम वीडियो इंडिया के कंट्री हेड, गौरव गांधी (Gaurav Gandhi), मंत्रा की को-फाउंडर नंदिता सिन्हा (Nandita Sinha), टेक्नोपैक एडवाइजर्स के फाउंडर और चेयरमैन अरविंद सिंघल, वी-मार्ट रिटेल लिमिटेड के सीएमडी ललित अग्रवाल (Lalit Agarwal) और द गुड ग्लैम ग्रुप की को-फाउंडर नैय्या सग्गी (Naiyya Saggi) शामिल थीं.
2032 तक 7.5 ट्रिलियन की इकोनॉमी
अरविंद सिंघल (Arvind Singhal) ने कहा कि अगले 10 साल में रिटेल सेक्टर में डिजिटलीकरण का बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा. 4जी और 5जी बदलाव करने वाला साबित होने वाला है. प्रोजेक्ट डिस्कवरी से प्रोजेक्ट डिलीवरी तक, यदि आपका पूरा मार्ग डिजिटल है, तो यह गेम-चेंजर होने जा रहा है. सिंघल ने उम्मीद जताते हुए कहा कि भारत 2032 तक 7.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
छोटे शहरों में बढ़ रहे उपभोक्ता
रिटेल सेक्टर की ग्रोथ पर बात करते हुए ललित अग्रवाल (Lalit Agarwal) ने कहा कि छोटे शहरों के लोगों की आकांक्षा का स्तर बहुत अधिक है, जो वास्तविक भारत है या करें भारत का लगभग 70 फीसदी हिस्सा है. उन्होंने कहा वी मार्ट के 30 मिलियन ग्राहकों में सिर्फ शहरी उपभोक्ता शामिल नहीं हैं, बल्कि बड़ी संख्या में छोटे शहरों से भी हैं.
डिजिटाइजेशन ने बदली तस्वीर
मंत्रा की सीईओ नंदिता सिन्हा (Nandita Sinha) ने इस दौरान कहा डिजिटाइजेशन का ट्रेंड भविष्य की तस्वीर पेश करने वाला है. छोटे शहरों में भी लोज ऑनलाइन खरीदारी को तरजीह दे रहे हैं. सप्लाई चेन में सुधार से इस क्षेत्र में प्रगति देखने को मिली है. टियर -2 और टियर -3 शहरों से मिल रहे रुझान भविष्य को आकार देने वाले हैं.
हमारे ज्यातर उपभोक्ता ऑनलाइन
द गुड ग्लैम ग्रुप के सह-संस्थापक नैय्या सग्गी (Naiyya Saggi) ने कहा कि एक ब्रांड के रूप में आपको वहां रहना होगा, जहां पर उपभोक्ता है. खास बात यह है कि ये उपभोक्ता निश्चित रूप से ऑनलाइन है. उन्होंने महिलाएं भी ऑनलाइन हो रही है, जिसका असर रिटेल सेक्टर पर पड़ रहा है. सग्गी ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि आज 68% शहरी महिलाओं के पास डेटा और मोबाइल फोन तक पहुंच है, जबकि यह आंकड़ा पुरुषों के मामले में 79 फीसदी है.
स्ट्रीमिंग उद्योग के लिए अच्छा समय
गौरव गांधी (Gaurav Gandhi) ने कहा कि मनोरंजन के मोर्चे पर, OTT प्लेटफॉर्म पहले से ही भारत के क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंटेंट को देखने के तरीके को फिर से परिभाषित और बदल रहे हैं। ओटीटी प्लेयर्स का मानना है कि डिजिटाइजेशन ने कंटेंट, क्रिएटर और कंज्यूमर के नजरिए से इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में मदद की है। स्ट्रीमिंग उद्योग में 5-7 साल शानदार रहे हैं। उपभोक्ता स्तर पर सबसे बड़ा परिवर्तन यह हो रहा है कि उनके पास स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्मों से बहुत अधिक विकल्प हैं।
मानसिकता में आया बदलाव
विकास की गति इतनी तेज है कि हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज के सीईओ नीरज गर्ग (Neeraj Garg) को लगता है कि अगले चार वर्षों में हम वह हासिल करने जा रहे हैं जो हमने पिछले 25 वर्षों में किया है। उन्होंने कहा कि कौशल क्षमता और मानसिकता में बदलाव आ रहा है. हमें ओमनी-चैनल के लिए तैयार रहने की जरूरत है.