
आजतक के सहयोगी चैनल बिजनेस टुडे के India@100 समिट में वैश्विक चुनौतियों के बीच देश की अर्थव्यवस्था में ग्रोथ (Economy Growth) को लेकर पैनल डिस्कशन किया गया. इसमें शामिल विशेषज्ञों ने भारत की आजादी के बाद की विकास यात्रा को एक चमत्कारिक यात्रा करार दिया. उन्होंने कहा कि आज हमें इस बात पर गर्व करना चाहिए कि देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं (Fastest Growing Economy) में सबसे आगे है.
'आज गर्व करने का समय'
Business Today के मैनेजिंग एडिटर सिद्धार्थ जराबी के साथ चर्चा करते हैं साल 2047 तक भारतीय अर्थव्यवस्था के आउटलुक पर विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. पैनल में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, ब्रूकिंग इंस्टीट्यूशन की रिसर्च डायरेक्टर शमिका रवि, गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स के वीसी डॉ. अजीत रनाडे समेत आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव आर. गोपालन ने हिस्सा लिया. इस दौरान डॉ अजीत रनाडे (Dr. Ajit Ranade) ने कहा कि आजादी के 75 साल में हमने जो ग्रोथ की है, वह निश्चित तौर पर एक चमत्कार के जैसा ही है.
रनाडे ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत 2047 तक 18-20 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जो वर्तमान की तुलना में छह गुना बड़ा है. उन्होंने कहा कि आज भारत तमाम चुनौतियों को पार करते हुए इस मुकाम पर पहुंचा है. उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि भारत आज तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है. रनाडे ने कहा कि आजादी के समय संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के 80-90 सदस्य थे, लेकिन आज यूएन में हमारे 230 से ज्यादा मेंबर हैं. हमें इस विकास यात्रा को सेलिब्रेट करने की जरूरत है.
शिक्षा ही विकास की कुंजी
पैनल में शामिल शमिका रवि (Shamika Ravi) ने कहा कि हमने फूड सिक्योरिटी (Food Security) और एनर्जी सिक्योरिटी (Energy Security) के क्षेत्र में अच्छा काम किया है. उन्होंने का अगले 25 सालों में यानी साल 2047 तक देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को नए मुकाम पर ले जाने के लिए हमें क्वालिटी ऑफ एजुकेशन के साथ बेसिक हेल्थकेयर पर और ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि अनएजुकेटेड और अनहेल्थी आबादी भारत की ग्रोथ में कोई योगदान नहीं दे सकती.
डॉ. रनाडे ने भी इकोनॉमी में ग्रोथ के लिए 'Education' को सबसे जरूरी शब्द बताया. उन्होंने कहा, एजुकेशन...एजुकेशन...एजुकेशन यह एक शब्द जादू है और विकास के लिए काफी है. इसके जरिए भारत ग्रोथ के नए आयाम छू सकता है.
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
पूर्व आर्थिक सलाहकार आर. गोपालन (R Gopalan) ने कहा कि कोरोना महामारी और अन्य वैश्विक चुनौतियों से तेजी के साथ उबरते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति की राह में हमें श्रम-बल (Labour Force) में महिलाओं की भागीदारी को चीन की तुलना में 21 फीसदी से 70 फीसदी तक बढ़ाने के बारे में सोचना होगा. इसके साथ ही हमें अवसर पैदा करने पर विचार करना चाहिए. इस बात पर भी विचार करना होगा कि आप श्रम प्रधान क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था कैसे सुनिश्चित करते हैं?.
ग्रोथ रेट 10% तक बढ़ाने की जरूरत
भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) पर चर्चा के दौरान, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद (Ramesh Chand) ने आजादी के बाद कृषि क्षेत्र में हुए बदलाव पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का देश की जीडीपी में अहम योगदान है. चंद ने आगे कहा कि 2047 तक हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि हम 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी (5 Trillion Economy) कैसे बनें. अभी से इस पर फोकस करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि हमें इस पर जोर देना होगा हमारा ग्रोथ रेट (India's Growth Rate) डबल डिजिट में रहे. उन्होंने कहा कि हमें तुरंत अपनी विकास दर को 10 फीसदी तक बढ़ाने और इसे दो दशकों तक बनाए रखने की आवश्यकता है. यही राष्ट्रीय लक्ष्य होना चाहिए.