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India@100: ऊर्जा मंत्री ने 'कोयले' को बताया चिंता का विषय, Renewable energy पर जोर

केंद्रीय बिजली मंत्री Rk Singh ने कहा कि कर्ज तो चुकाना ही पड़ता है. आप चिल्ला सकते हैं और बिजली अधिनियम का विरोध कर सकते हैं, लेकिन यदि आप बिलों का भुगतान करते हैं, तो आपकी पहुंच पावर ग्रिड तक बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि हम लगातार अपनी नियामक प्रणाली को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं.

कोयला बड़ी चिंता का विषय कोयला बड़ी चिंता का विषय
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

बिजनेस टुडे India@100 समिट में देश के ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने शिरकत की और ऊर्जा क्षेत्र के लिए बिजली बिल कैसे गेम चेंजर साबित हो सकते हैं? इसे लेकर अपनी राय दी. इस दौरान उन्होंने कोयले को लेकर चिंता जाहिर की. इसके साथ ही उन्होंने रिन्यूवल एनर्जी पर जोर देते हुए कहा कि यह पारंपरिक बिजली की तुलना में सस्ती है. मुफ्त बिजली देने के मामले में उन्होंने कहा कि क्या हम श्रीलंका के रास्ते पर जा रहे हैं?

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आपूर्ति से ज्यादा कोयले की खपत
ऊर्जा मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि फिलहाल, बिजली क्षेत्र के लिए कोयला एक ऐसी चीज है जो हमें चिंतित करती है. उन्होंने कहा कि यदि आप हमारे घरेलू कोयले की खपत पर नजर डालें, तो पाएंगे यह हमारे घरेलू कोयले के आपूर्ति से लगभग 3 लाख टन अधिक है. जो कि एक बड़ी चिंता का विषय है. सिंह ने इसकी आपूर्ति में इजाफे के लिए माइनिंग को बढ़ाने के साथ ही कोयले के ट्रांसपोर्टेशन को आसान बनाने की बात पर जोर दिया. 

बिजली बिल को लेकर कही ये बात
चर्चा के दौरान आर के सिंह ने आगे कहा कि अगर हमारे देश को विकास करना है, तो बिजली क्षेत्र में निवेश आना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने ऐसी व्यवस्था की है जिससे अगर डिस्कॉम बिलों का भुगतान नहीं करते हैं, तो एक्सचेंजों तक उनकी पहुंच कट जाती है. ऋण तो चुकाना ही पड़ता है.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम लगातार अपनी नियामक प्रणाली को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि आप चिल्ला सकते हैं और बिजली अधिनियम का विरोध कर सकते हैं, लेकिन यदि आप बिलों का भुगतान करते हैं, तो आपकी पहुंच पावर ग्रिड तक बनी रहेगी. 

रिन्यूवल एनर्जी पर्यावरण के अनुकूल
Renewable energy पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि यह पारंपरिक ऊर्जा की तुलना में सस्ती है. यह पर्यावरण के अनुकूल भी है. उन्होंने आगे कहा कि हम Energy Transition कर रहे हैं, क्योंकि हमारी सरकार ग्रीन एमवायरन्मेंट में विश्वास करती है. सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए अच्छा है.

सिंह ने बीते दिनों संसद सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए बताया था कि हाल के महीनों में जब बिजली की मांग बढ़ी है, तो रिन्यूवल एनर्जी का कुल बिजली उत्पादन में 25 से 29 प्रतिशत हिस्सा रहा. 

'क्या हम श्रीलंका के रास्ते पर जा रहे'
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दिल्ली जैसे राज्य, जो मुफ्त बिजली का वादा कर रहे हैं, एक बड़ा संकट पैदा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ भी मुफ्त नहीं है और बिजली बिल्कुल भी मुफ्त नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि भारत मुफ्त में मिलने वाले उपहारों के कारण श्रीलंका के रास्ते पर जा सकता है, इससे आने वाली पीढ़ियों पर दबाव बढ़ेगा, जिन्हें बकाया भुगतान के लिए भुगतान करना होगा.

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उन्होंने कहा मैं पूछना चाहता हूं कि मुफ्त का भुगतान कौन कर रहा है? इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। क्या हम श्रीलंका की तरह बनना चाहते हैं.

 

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