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India@100: सेल चेयरमैन बोलीं- भारतीय महिलाओं के लिए बड़े सपने देखने का समय

India@100 समिट में बोलते हुए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) की चेयरमैन सोमा मंडल (SOMA MONDAL) ने अपने करियर की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि तीन बच्चों की जिम्मेदारी के बावजूद मैंने अपना करियर बनाने में कामयाबी हासिल की. इसके लिए उन्होंने करियर बनाने के अपने दृष्टिकोण को श्रेय दिया.

भारतीय महिलाओं के लिए बड़े सपने देखने का समय  भारतीय महिलाओं के लिए बड़े सपने देखने का समय
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

भारतीय महिलाओं में आज पहले से कहीं अधिक नेतृत्व क्षमता है. इसलिए उन्हें बड़े सपने देखना सीखना चाहिए. बिजनेस टुडे के India@100 समिट में 'वीमेन इन लीडरशिप - रिप्रेजेंटिंग द न्यू इंडिया' शीर्षक से एक सत्र में बोलते हुए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सीईओ (SAIL CEO) सोमा मंडल (Soma Mondal) ने यह बात कही. 

बिजनेस टुडे के संपादक, सौरव मजूमदार के साथ बातचीत में आयोजित इस सत्र में SAIL की अध्यक्ष सोमा मंडल ने कहा कि भारतीय महिलाओं के लिए कदम बढ़ाने और बड़े सपने देखने का समय आ गया है. करियर के बीच में बड़े पैमाने पर ड्रॉपआउट के महिलाएं भारत में कॉरपोरेट जगत (Corporate Sector) के टॉप पर नहीं पहुंच पा रहीं, लेकिन अब समय बदल गया है और भविष्य में स्थिति में सुधार होने की संभावना है.

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महिलाओं को नेतृत्व की जिम्मेदारी

सोमा मंडल ने कहा कि महिलाओं के पास यह सब हो सकता है, यदि वे बड़े सपने (Big Dream) देखना सीख जाती हैं और प्राथमिकता देना समझ जाती हैं. लेकिन अभी के लिए महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाएं मिलने में दिक्कतें पेश आती हैं, क्योंकि टॉप पर चयन पूल बेहद छोटा है. उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं शुरुआती स्तर में प्रवेश तो करती हैं, लेकिन बाद में विवाह, बच्चे और फिर बच्चों की उच्च शिक्षा उनके सामने बाधा के रूप में खड़ी हो जाती है. 

चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं

मंडल ने अपने करियर की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि तीन बच्चों की जिम्मेदारी के बावजूद मैंने अपना करियर बनाने में कामयाबी हासिल की. इसके लिए उन्होंने करियर बनाने के अपने दृष्टिकोण को श्रेय दिया. सेल चेयरमैन ने बताया कि स्टील सेक्टर जैसे पुरुष-प्रधान क्षेत्र में कंपटीशन करते समय उन्हें कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.

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उन्होंने कहा कि एक इंजीनियर बनने के बाद जब सेल ने मेरा चयन कर दिया था, मैंने अन्य जॉब के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया था. मैंने अपने कार्यकाल के दौरान संगठन में कई चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं. सेल की सीईओ ने दावा किया कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया में चेयरमैन के रूप में उनकी उपस्थिति ने कंपनी को भीतर से बदलने का काम किया है. 

 

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