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BT MindRush: सरकारी नौकरी की बात पर पीयूष गोयल ने सुनाया अपने सिक्योरिटी गार्ड के बच्चों का ये किस्सा

भारत हमेशा से उद्यमियों का देश रहा है. हमने सरकारी नौकरी की सुरक्षा के माइंड सेट से इसे खराब किया, लेकिन अब ये धारणा तेजी से बदल रही है. कोविड काल में हमने अपने कई स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनते देखा. अब हमारे पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. अगले 7 से 8 साल में हम नंबर-1 की पोजिशन पर होंगे.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Photo: Hemant Rawat) केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Photo: Hemant Rawat)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:39 PM IST
  • सरकारी नौकरी मतलब 'जिंदगी सेट'
  • जल्द भारत होगा नंबर-1 स्टार्टअप देश

देश में नौकरी और रोजगार के मुद्दे को लेकर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बिजनेस टुडे के माइंड रश (BT Mind Rush) कार्यक्रम में सरकारी नौकरी की बात पर कहा कि अब युवाओं का माइंड सेट चेंज हो रहा है. इसी को लेकर उन्होंने अपने सिक्योरिटी गार्ड के बच्चों की शादी का एक किस्सा सुनाया.

सरकारी नौकरी मतलब 'जिंदगी सेट'
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में लोगों का माइंड सेट रहा है कि अगर आपको सरकारी नौकरी मिल जाती है, तो इसका मतलब कि आपकी 'जिंदगी सेट' हो गई. सरकारी नौकरी मतलब सुरक्षित नौकरी, पेंशन और फिर बाद में परिवार के लोगों को पेंशन सुरक्षा. हमारी सरकार, सरकारी नौकरी के कंफर्ट जोन की विरासत को तोड़ने की कोशिश कर रही है. आजादी के बाद इसी माइंड सेट ने देश की उद्यमिता को खराब किया, क्योंकि हर भारतीय का सपना बस सरकारी नौकरी पाना हो गया. इसमें 1990 के दशक तक कोई बदलाव नहीं आया, उसके बाद इसमें थोड़ा बदलाव देखने को मिला.

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दरअसल पीयूष गोयल से सरकार की 'अग्निपथ योजना' को लेकर सवाल किया गया था. इसी संदर्भ में उन्होंने ये बात कही. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर कुछ कोचिंग संस्थानों और राजनीतिक दलों ने भ्रम फैलाया. अब ये उजागर हो चुका है. पीयूष गोयल ने कहा कि वो तो कई ऐसे लोगों के किस्सों को जानते हैं जहां लोगों ने सरकारी नौकरी की सुरक्षा के चलते ज्यादा पेमेंट वाली प्राइवेट नौकरी की जगह कम सैलरी वाली सरकारी नौकरी को चुना.

सुनाया सिक्योरिटी गार्ड के बच्चों का किस्सा
पीयूष गोयल ने कहा कि लोगों के बीच माइंड सेट है कि सरकारी नौकरी लग जाए तो शादी अच्छी हो जाती है. इसी संदर्भ में उन्होंने अपने सिक्योरिटी कर्मी के बच्चों से जुड़ा एक किस्सा सुनाया. गोयल ने कहा- हाल में उसकी बेटी की शादी हुई तो मैंने लड़का और लड़की दोनों से चाय पर चर्चा की. दोनों किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, जबकि दोनों के पिता पुलिस में ही नौकरी करते हैं. जब मैंने उनसे पूछा कि उन्हें कभी पुलिस की या सरकारी नौकरी करने की इच्छा नहीं होती, तो वो बोले कि नहीं वो इसी लाइन में अपना करियर बनाना चाहते हैं. उनसे बात करके मुझे लगा कि आजकल की युवा पीढ़ी कितनी स्मार्ट और कॉन्फिडेंट है.

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अगले कुछ सालों में नंबर-1 स्टार्टअप देश
पीयूष गोयल ने नौकरी और रोजगार के संदर्भ में ही कहा कि भारत हमेशा से उद्यमियों का देश रहा है. हमने इस सरकारी नौकरी की सुरक्षा के माइंड सेट से इसे खराब किया, लेकिन अब ये धारणा तेजी से बदल रही है. कोविड के काल में हमने अपने कई स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनते देखा. अब हमारे पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. अगले 7 से 8 साल में हम नंबर-1 की पोजिशन पर होंगे.

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