
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia-Ukraine War) के बाद भारत समेत दुनियाभर में महंगाई (Inflation) का प्रकोप बढ़ा है. इस कम करने की सरकार की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही है. एक साल में दाल-चावल-आटा यहां तक की नमक भी महंगा हो गया है. वहीं ब्याज दरों (Interest Rate) में बढ़ोतरी से EMI का बोझ भी लगातार बढ़ रहा है. इस बीच नोएडा में अब घर खरीदना और महंगा होने वाला है. इस संबंध में 11 अगस्त को बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
अलॉटमेंट रेट में बढ़ोतरी संभव
नोएडा (Noida) में अब घर खरीदना पहले से कहीं ज्यादा महंगा होने वाला है. इसकी वजह है कि नोएडा में ढाई साल बाद आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत और ग्रुप हाउसिंग की जमीन के अलॉटमेंट रेट को बढ़ाये जाने की तैयारी कर ली गई है. इसका प्रस्ताव 11 अगस्त को होने वाली नोएडा विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक (NDA Board Meeting) में रखा जाएगा.
20-30 फीसदी हो सकती है वृद्धि
संभावना जताई जा रही है कि इस बोर्ड बैठक में नोएडा में होने वाले किसी भी तरह की जमीन के नए आवंटन के रेट (Allotment Rate) 20 से 30 फीसदी तक महंगा किए जाने का फैसला लिया जा सकता है. मतलब साफ है कि इस फैसले के अमल में आने के बाद नोएडा में घर खरीदना या उद्योग स्थापित करना महंगा हो जाएगा.
नोएडा अथॉरिटी की 205वीं बोर्ड बैठक
रक्षाबंधन के दिन यानी गुरुवार 11 अगस्त को सुबह 11 बजे नोएडा प्राधिकरण की 205वीं बोर्ड बैठक होगी. इस बोर्ड बैठक में करीब 35 प्रस्ताव रखे जाएंगे. जमीन के दाम बढ़ाने के अलावा कुछ प्रस्ताव प्राधिकरण के काम-काज से संबंधित होंगे. अगर बात करें आवासीय संपत्ति की तो प्राधिकरण ने शहर को छह श्रेणियों में बांट रखा है.
श्रेणी ए प्लस में केवल नोएडा के सबसे पॉश सेक्टर्स यानी 14ए, 15ए और सेक्टर 44 के ए और बी ब्लॉक शामिल हैं. नोएडा प्राधिकरण की योजना आवासीय सेगमेंट में 20 फीसदी तक अलॉटमेंट रेट बढ़ाने की है. फिलहाल नोएडा में ग्रुप हाउसिंग के लिए जमीन में सबसे महंगी दर श्रेणी ए में है जहां पर 1,35,750 रुपये प्रति वर्गमीटर आवंटन रेट है. वहीं ई श्रेणी में 51,290 रुपये प्रति वर्गमीटर का अलॉटमेंट रेट है.
उद्योग के लिए जमीन लेना महंगा
अगर बात करें औद्योगिक संपत्ति की तो केवल फेज टू में इसे 30 फीसदी महंगा किया जाएगा. IT-ITs संपत्ति फेज टू में 30 और बाकी 1 और 3 में 20 फीसदी महंगा किया जाने का प्रस्ताव लाया जाएगा. नोएडा में इससे पहले 27 सितंबर 2019 को बोर्ड बैठक में आवासीय सेगमेंट में केवल ई श्रेणी में जमीन के रेट बढ़ाए गए थे. 2020 में ए प्लस की नई श्रेणी बना कुछ सेक्टरों को शामिल किया गया. इस बार प्राधिकरण व्यावासयिक संपत्तियों की आवंटन दरों में कोई इजाफा नहीं करेगा.
बिल्डर्स पर 20,000 करोड़ बकाया
कीमतों में बढ़ोतरी की बड़ी वजह यह भी है कि नोएडा प्राधिकरण का अलग अलग बिल्डर्स पर 20 हज़ार करोड़ रुपये बकाया हैं. पिछली जारी सूची के मुताबिक नोएडा प्राधिकरण का यूनिटेक पर सबसे ज्यादा करीब 8 हजार करोड़ रुपये, आमप्राली पर 3 हजार करोड़ रुपये, एम्स मैक्स गार्डेनिया पर 1,123 करोड़ रुपये, ग्रेनाइट गेट प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड पर 780 करोड़ रुपये, सुपरटेक पर 645 करोड़ रुपये, लॉजिक्स इंफ्राटेक लिमिटेड पर 555 करोड़ रुपये, गार्डेनिया एम्स डेवलेपर पर 544 करोड़ रुपये बकाया है.
लॉजिक्स सिटी पर 490 करोड़ रुपये, थ्री सी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड पर 421 करोड़ रुपये, ओमेक्स बिल्ड होम पर 380 करोड़ रुपये, रेड फोर्ट जहांगीर प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड पर 358 करोड़ रुपये और लॉजिक्स इंफ्रास्टक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर 326 करोड़ रुपये बाकी है.
इसके अलावा संचालित बाकी प्रोजेक्ट्स पर भी 50 से लेकर 300 करोड़ रुपए तक बकाया है. इस बकाए में यूनिटेक और आम्रपाली समेत कई मामले अलग अलग कोर्ट में चल रहे हैं. ऐसे में प्राधिकरण को शहर के विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए जिस रकम की जरूरत है, उसका इंतजाम इस बढ़ोतरी के जरिए करने की योजना है.