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सितंबर 2022 तक इस योजना का विस्तार, पीएम मोदी की अगुवाई में मुहर

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I और II को सितंबर, 2022 तक जारी रखने के प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी है. 

पीएम मोदी की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक पीएम मोदी की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST
  • हर गांव को सड़क से जोड़ने की योजना तेज
  • पीएम मोदी की अगुवाई में कैबिनेट की अहम बैठक

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I और II को सितंबर, 2022 तक जारी रखने के प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी है. 

CCEA ने मार्च, 2023 तक Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas (RCPLWEA)  के लिए सड़क संपर्क परियोजना को जारी रखने को भी मंजूरी दी.

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कोरोना की वजह से प्रोजेक्ट में देरी 

PMGSY-I और II के तहत अधिकांश लंबित कार्य COVID लॉकडाउन, extended बारिश, सर्दी, Durgam जंगल के कारण उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों में हैं. राज्य, केंद्र सरकार से इन महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध करते रहे हैं. इन राज्यों को शेष कार्यों को पूरा करने में मदद करने के लिए सितंबर-2022 तक का समय विस्तार दिया जा रहा है.

पीएमजीएसवाई के सभी चल रहे हस्तक्षेपों को पूरा करने के लिए 2021-22 से 2024-25 तक राज्य के हिस्से सहित 1,12,419  करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. RCPLWEA के तहत 2016 से 9 राज्यों के 44 जिलों में 4,490 किलोमीटर लंबी सड़क और 105 पुल पहले ही पूरे हो चुके हैं. 

मोबाइल सेवा का विस्तार

कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के पांच राज्यों में महत्वाकांक्षी जिलों के Uncovered गांवों में मोबाइल सेवाओं के प्रावधान के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) योजना को मंजूरी दी.

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इस परियोजना में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के पांच राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7,287 गांवों में 4G आधारित मोबाइल सेवाएं प्रदान करने की परिकल्पना की गई है, जिसके कार्यान्वयन की अनुमानित लागत करीब 6,466 करोड़ रुपये है, जिसमें 5 वर्षों के लिए परिचालन खर्च भी शामिल है. 

इस परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा. यह परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर के 18 महीने के भीतर पूरी हो जाएगी और इसके 23 नवंबर तक पूरा होने की संभावना है. 

 

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