
देश में यूज्ड कारों की खरीद-फरोख्त का बिजनेस (Used Car Business) तेजी से फल-फूल रहा है. इस सेक्टर की दिग्गज कंपनी ओएलएक्स ऑटो (OLX Auto) का बिजनेस बिक गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सोबेक ऑटो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (OLX Auto Parent Company) का कार ट्रेड टेक (Car Trade) अधिग्रहण करेगी. ये डील 537 करोड़ रुपये में हुई है. सोमवार को इस सौदे की जानकारी शेयर की गई.
17% से ज्यादा उछले कार ट्रेड के शेयर
Car Trade ने सोमवार को ओएलएक्स ऑटो के यूज्ड कारों के बिजनेस का अधिग्रहण करने के ऐलान का असर मंगलवार को शेयर बाजार (Share Market) की शुरुआत के साथ ही कंपनी के शेयरों पर दिखाई दिया. खबर लिखे जाने तक दोपहर 12.20 बजे तक कार ट्रेड स्टॉक रॉकेट की रफ्तार से भागते हुए 17.35 फीसदी तक चढ़ गए.
इस तेजी के साथ कंपनी के शेयर का भाव 83 रुपये से ज्यादा की बढ़त के साथ 571.90 रुपये के स्तर पर पहुंच गया था. 2.67 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप वाली इस कंपनी के स्टॉक का 52 वीक का हाई लेवल 735.95 रुपये है, जबकि इसका 52 वीक का लो-लेवल 340.15 रुपये है.
अधिग्रहण 30 दिनों में पूरा होने की उम्मीद
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को इस संबंध में दी गई जानकारी के मुताबिक, कार ट्रेड, ओएलएक्स इंडिया के ऑटो सेल्स डिवीजन सोबेक ऑटो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 100 फीसदी शेयर खरीदने जा रही है. इसमें बताया गया कि बीते 10 जुलाई को इस अधिग्रहण को लेकर समझौता किया गया है. बता दें Car Trade एक मुंबई बेस्ड यूज्ड कारों का प्लेटफॉर्म है. एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है कि ये टेकओवर महीने भर या 30 दिनों में पूरा होने की संभावना है.
OLX में सबकुछ ठीक नहीं
ओएलएक्स ग्रुप में बीते कुछ समय से खासी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. बीते महीने ही कंपनी ने अपने वर्कफोर्स से 800 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था. छंटनी की घोषमा ग्रुप के ऑटो बिजनेस को बेचने की बातचीत के दौरान ही लिया गया था. OLX पिछले कुछ समय से अपने ऑटोमोटिव डिपार्टमेंट को बेचने की कोशिश में लगी हुई थी और अब कंपनी इसे बेच दिया है और कार ट्रेड एक महीने में इसका टेकओवर भी कर लेगी.
कार ट्रेड के मौजूदा बिजनेस को फायदा
कारट्रेड टेक के अनुसार, यह अधिग्रहण कंपनी के मौजूदा व्यवसायों को सहक्रियात्मक लाभ प्रदान करने के लिए किया जा रहा है. इस अधिग्रहण से कारट्रेड टेक के निवेश के रणनीतिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह निर्णय उस समय आया जब ओएलएक्स ग्रुप ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी ऑटोमोटिव बिजनेस शाखा, ओएलएक्स ऑटोज को बंद करना शुरू कर दिया था.