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बाबा रामदेव से जुड़े पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन को डोनेशन पर पांच साल के लिए टैक्स छूट 

इस संस्था को देने वाले डोनेशन के बदले दानदाता टैक्स में छूट हासिल कर सकता है. ऐसी छूट किसी यूनिवर्सिटी, कॉलेज या वैज्ञानिक रिसर्च में लगी संस्था को वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए दी जाती है. 

बाबा रामदेव के पतंज​लि रिसर्च फाउंडेशन को छूट (फाइल फोटो: PTI) बाबा रामदेव के पतंज​लि रिसर्च फाउंडेशन को छूट (फाइल फोटो: PTI)
राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST
  • पतंजलि समू​ह की संस्था को छूट
  • पांच साल के लिए आयकर से मुक्ति

योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़े पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को पांच साल के लिए टैक्स छूट दी गई है. यानी अब इस संस्था को देने वाले डोनेशन के बदले दानदाता टैक्स में छूट हासिल कर सकता है.  यह छूट पहले भी मिली थी, जिसे अब पांच साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है.   

ऐसी छूट किसी यूनिवर्सिटी, कॉलेज या वैज्ञानिक रिसर्च में लगी संस्था को वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए दी जाती है. इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था अगर पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को कुछ दान देता है तो वह इस दान के बराबर की राशि अपने टैक्सेबल इनकम से घटा सकता है. उसकी टैक्स के लायक इनकम इसकी हिसाब से घट जाएगी. 

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पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वारा पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई थी, जिसका उद्घाटन मई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. 

क्या कहा विभाग ने 

आयकर विभाग से जुड़े केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मंगलवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा, 'केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स 1961 की धारा 35 की उपधारा (1) के क्लॉज (ii) के उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए 'रिसर्च एसोसिएशन' की कैटेगिरी के तहत मेसर्स पतंजलि ​रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट, हरिद्वार को मंजूरी दी है.' 

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह आधिकारिक गजट प्रकाशन की डेट से ही लागू होगा और आकलन वर्ष 2022-23 से 2027-28 तक लागू रहेगा. 

कई शर्तें भी जुड़ी हैं

हालांकि इस छूट के साथ कई शर्तें भी जुड़ी हैं. पंतजलि को यह सुनिश्चित करना होगा कि 'रिसर्च गतिविधि खुद उसके द्वारा ही संचालित की जाएगी. उसने अपना बहीखाता मेंटेन करना होगा और कानूनी रूप से प्रमाणित एकाउंटेंट्स से ऑडिट कराने के बाद इसे आयकर विभाग में जमा करना होगा.

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समूह को मिले डोनेशन के बारे में एक अलग से पूरा स्टेटमेंट देना होगा कि कितना डोनेशन मिला और रिसर्च पर कितना पैसा खर्च हुआ. 

 

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