
इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल (Crude Oil Global Prices) और रिफाइनरी उत्पादों के दाम में आई गिरावट के बाद केंद्र सरकार ने एक बार फिर से विमानन ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स (Windfall Profit Tax On ATF) लगाने का फैसला किया है. इसी तरह सरकार ने डीजल के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स (Windfall Profit Tax On Diesel) को बढ़ा दिया है, जबकि घरेलू क्रूड ऑयल (Windfall Profit Tax On Domestic Crude Oil) के मामले में इसे घटा दिया गया है. पेट्रोल के मामले में निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स (Windfall Profit Tax On Petrol) को निल बरकरार रखा गया है.
वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में दी जानकारी
केंद्र सरकार ने यह फैसला थर्ड फोर्टनाइटली रीव्यू (3rd Fortnightly Review) में लिया है, जिसकी जानकारी वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में गुरुवार देर शाम को दी. सरकार के इस फैसले के बाद अब डीजल के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स बढ़कर 07 रुपये प्रति लीटर हो गया है. इससे पहले डीजल पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स 05 रुपये प्रति लीटर था. ताजा बदलाव से पहले विमानन ईंधन के निर्यात पर कोई विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स नहीं लग रहा था, लेकिन अब इसे 02 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इससे पहले सरकार ने अगस्त की शुरुआत में हुई दूसरी समीक्षा में डीजल पर एक्सपोर्ट टैक्स को घटाकर 05 रुपये प्रति लीटर कर दिया था और एटीएफ से टैक्स को हटा दिया गया था.
इस सप्ताह गुरुवार को हुई तीसरी समीक्षा में सरकार ने घरेलू क्रूड ऑयल के निर्यात पर लग रहे टैक्स को कम करने का फैसला भी लिया. अब घरेलू क्रूड ऑयल के निर्यात पर 17,750 रुपये के बजाय 13,000 रुपये प्रति टन की दर से विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगेगा. वहीं सरकार ने पेट्रोल के मामले में विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की दर शून्य पर बनाए रखने का फैसला किया.
इस कारण लगता है विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स
ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल और पेट्रोल, डीजल, एटीएफ जैसे रिफाइनरी उत्पादों के दाम समय के साथ घटते-बढ़ते रहते हैं. अगर ग्लोबल मार्केट में डीजल, पेट्रोल और एटीएफ आदि के दाम घरेलू बाजार से ज्यादा हों, तो रिफाइनरियां निर्यात बढ़ाने लगती हैं, ताकि उन्हें ज्यादा मुनाफा हो. सरकार इस पर लगाम लगाने और घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगा देती है. यही हिसाब क्रूड ऑयल के मामले में भी लागू होता है. वहीं जब ग्लोबल मार्केट में इनके भाव कम हो जाते हैं, तो कंपनियां खुद ही एक्सपोर्ट कम करने लगती हैं. ऐसी स्थिति आने पर सरकार विंडफॉल टैक्स को कम करने या हटाने का फैसला लेती है.
जुलाई में सरकार ने पहली बार लगाया टैक्स
सरकार ने सबसे पहले इस साल 01 जुलाई को विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगाने का फैसला लिया था. उस समय ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल व अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के दाम चरम पर थे. हालांकि उसके बाद से अब तक इनके दाम में काफी गिरावट आई है. क्रूड ऑयल तो अभी करीब 06 महीने के निचले स्तर पर आ चुका है. उस समय सरकार ने पेट्रोल पर 06 रुपये प्रति लीटर, एटीएफ पर 06 रुपये प्रति लीटर, डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर और क्रूड ऑयल पर 23,250 रुपये प्रति टन की दर से टैक्स लगाया था.
इससे पहले दो बार हो चुकी है समीक्षा
इसके बाद सरकार ने 20 जुलाई को विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की पहली समीक्षा की थी. पहली समीक्षा में पेट्रोल के एक्सपोर्ट पर टैक्स को हटा दिया गया था. वहीं डीजल और एटीएफ के मामले में टैक्स को 02-02 रुपये घटाकर क्रमश: 11 रुपये और 04 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था. घरेलू क्रूड ऑयल पर भी टैक्स को घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन किया गया था. इस महीने की शुरुआत में 02 अगस्त को दूसरी समीक्षा हुई थी. इसमें सरकार ने डीजल पर एक्सपोर्ट टैक्स को घटाकर 05 रुपये प्रति लीटर कर दिया था, जबकि एटीएफ पर टैक्स को हटा दिया गया था. वहीं क्रूड ऑयल के मामले में टैक्स को बढ़ाकर 17,750 रुपये प्रति टन कर दिया गया था.