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मोदी सरकार किसानों के साथ, पुराने दाम पर ही मिलेगी गैर-यूरिया खाद, जारी किए निर्देश

केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में एक और फैसला लेते हुए खाद कंपनियों से शुक्रवार को गैर-यूरिया उवर्रकों को पहले की MRP पर ही बेचने के लिए कहा. इससे किसानों को खाद पुराने दाम पर ही मिलेगी. जानें पूरा मामला..

खेतों में खाद डालता किसान (सांकेतिक फोटो) खेतों में खाद डालता किसान (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST
  • वैश्विक बाजार में बढ़ गई हैं कच्चे माल की कीमतें
  • मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर दी जानकारी
  • नियंत्रित नहीं है गैर-यूरिया उवर्रक के खुदरा दाम

केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में एक और फैसला लेते हुए खाद कंपनियों से शुक्रवार को गैर-यूरिया उवर्रकों को पहले की MRP पर ही बेचने के लिए कहा. इससे किसानों को खाद पुराने दाम पर ही मिलेगी. जानें पूरा मामला..

कंपनियां नहीं बढ़ाएं MRP
पीटीआई की खबर के मुताबिक केन्द्र सरकार ने उवर्रक कंपनियों से शुक्रवार को कहा कि वे गैर-यूरिया उवर्रक जैसे कि डीएपी के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में कोई बढ़ोत्तरी ना करें और उसे पुराने दाम पर ही बेचें.

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क्यों लिया सरकार ने ये फैसला
वैश्विक बाजार में गैर-यूरिया उवर्रकों की बढ़ती कीमतों के अनुरूप घरेलू बाजार में इनकी बढ़ती रिटेल कीमतों पर संज्ञान लेते हुए गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में इस तरह के निर्देश देने का फैसला किया गया. 

नियंत्रित नहीं है गैर-यूरिया उवर्रक के दाम
डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्युरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) और एनपीके जैसे गैर-यूरिया उवर्रकों की खुदरा कीमतें खुद खाद कंपनियां तय करती हैं. जबकि केन्द्र सरकार उन्हें हर साल एक फिफ्स्ड सब्सिडी देती है.

खाद मंत्री ने बताया फैसले के बारे में
उवर्रक एवं रसायन राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘‘ सरकार ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर खाद कंपनियों को डीएपी, एमओपी और एनपीके जैसे गैर-यूरिया उवर्रकों के दाम नहीं बढ़ाने के लिए कहा था. खाद कंपनियां इस पर मान भी गई हैं.

पुराने दाम पर मिलेगी खाद
मंडाविया ने कहा कि उवर्रक कंपनियों को कॉम्प्लैक्स फर्टिलाइजर पुराने दाम पर ही बेचने के लिए कहा गया है. इससे किसानों को पुराने दाम पर ही डीएपी, एमओपी और एनपीके मिलती रहेगी.

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बढ़ गई हैं कच्चे माल की कीमतें
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे माल की कीमतों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिली है जिसके बाद घरेलू खाद कंपनियों और सहकारी कंपनियों ने डीएपी और अन्य गैर-यूरिया उवर्रकों की कीमतें बढ़ा दी थी.

कृभको, एमसीएफएल, प्रदीप फास्फेट्स इत्यादि ने एक अप्रैल से डीएपी की कीमत 1,700 रुपये बोरी कर दी थी.  जबकि चंबल फर्टिलाइजर्स ने 1,600 रुपये, इंदोरम इंडिया ने 1,495 रुपये प्रति बोरी का दाम कर दिया था. पहले यह 1,200 रुपये बोरी था.

इफ्को ने दी सफाई
इससे पहले इफ्को ने 1,700 रुपये के छपे मूल्य वाली खादी की बोरियां जारी की उस पर उसने बृहस्पतिवार को सफाई दी कि ये अस्थायी कीमत है और इसका मतलब किसानों को इतने दाम पर बेचा जाना नहीं है.  कंपनी के पास पुराना 11.26 लाख टन का स्टॉक है जो 1,200 रुपये प्रति बोरी के हिसाब का है.

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