
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान की तीसरी मासिक किस्त जारी कर दी है. इस किस्त में 17 राज्यों को कुल 9,871 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. केन्द्र द्वारा अब तक दिए गए अनुदान में केरल, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सबसे अधिक हिस्सेदारी पाने वाले राज्यों में से एक हैं.
केरल को मिले करीब 5,000 करोड़
केन्द्र सरकार वित्त आयोग की सिफारिश पर राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान की मासिक किस्त जारी करती है. वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मंगलवार को इसकी तीसरी किस्त जारी कर दी.
चालू वित्त वर्ष में केन्द्र सरकार अब तक 29,613 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान जारी किया है. इसमें सबसे अधिक अनुदान केरल को 4,972.74 करोड़ रुपये मिला है.
राज्यों को संविधान में मिला अधिकार
केन्द्र सरकार संविधान के अनुच्छेद -275 के तहत राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान देती है. राज्यों को ये अनुदान केन्द्र से राजस्व के हस्तांतरण के बाद (पोस्ट-डिवॉल्यूशन) राजस्व में घाटे की भरपाई के लिए दिया जाता है. ये अनुदान वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर दिया जाता है.
15वें वित्त आयोग ने 2021-22 में 17 राज्यों को 1,18,452 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान देने की सिफारिश की है. ये अनुदान 12 मासिक किस्तों में दिया जाना है.
पश्चिम बंगाल भी नहीं पीछे
केन्द्र ने 17 राज्यों को अब तक अनुदान की जो तीन किस्तें जारी की हैं. उनमें केरल सबसे ऊपर है. वहीं 4,401.75 करोड़ रुपये का अनुदान लेकर पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर और 4,314.24 करोड़ रुपये के साथ आंध्र प्रदेश तीसरे नंबर पर है.
इन 17 राज्यों को मिलता है अनुदान
केन्द्र से इस राजस्व घाटा अनुदान को पाने वाले राज्यों में असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तराखंड भी शामिल हैं.
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