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चंदा कोचर (Chanda Kochhar) एक नई भूमिका के साथ वापस आई हैं. कभी चंदा कोचर देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI बैंक की CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर हुआ करती थीं. फिर उनपर अपने पद का बेजा इस्तेमाल करने का गंभीर आरोप लगा, जांच CBI तक पहुंच गई. धोखाधड़ी के मामले में चंदा कोचर को जेल जाना पड़ा और फिर उन्हें बैंक के सभी पदों से हटा दिया गया. फिलहाल वो जमानत पर बाहर हैं.
लेकिन अब चंदा कोचर एक नई शुरुआत करने जा रही हैं, जिसमें वो एक पॉडकास्टर की भूमिका में नजर आने वाली हैं, इसका आगाज भी हो गया है. चंदा कोचर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर इसी महीने की शुरुआत में पॉडकास्ट सीरीज 'जर्नी अनस्क्रिप्टेड विद चंदा कोचर (Journey Unscripted with Chanda Kochhar)' लॉन्च की है.
चंदा कोचर का नया रोल
पॉडकास्ट के पहले एपिसोड में चंदा कोचर के मेहमान मैरिको के संस्थापक और अध्यक्ष हर्ष मारीवाला थे. चंदा कोचर बताती हैं कि इस पॉडकास्ट सीरीज में दूसरा मेहमान एक अभिनेता होंगे, लेकिन उन्होंने अभी उनका नाम बताने से इनकार कर दिया.
इस नई यात्रा के बारे में खुद चंदा कोचर कहती हैं कि इस पॉडकास्ट के जरिये लोगों के तमाम सफर से सीखने को बहुत कुछ मिल सकता है. उन्होंने कहा कि यह समझना है कि लोग परिस्थितियों से कैसे निपटते हैं. इस माध्यम से वो एक्सपर्ट की बातों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ले जाना चाहती हैं.
महीने में तीन पॉडकास्ट का प्लान
किस तरह के सवाल पूछे जाएं, इसको लेकर चंदा कोचर खुद ही रिसर्च करती हैं और मेहमानों का चयन करती हैं, फिलहाल उनका लक्ष्य महीने में तीन पॉडकास्ट करना है. बता दें, फिलहाल चंदा कोचर अपने पति दीपक कोचर के साथ जमानत पर बाहर हैं. चंदा कोचर का कहना है कि वो इस समय हर चीज के लिए तैयार हैं.
63 वर्षीय चंदा कोचर पहली बार साल 1984 में ICICI बैंक से जुड़ी थीं, और फिर वे 2009 में बैंक की एमडी और सीईओ बनीं. कोचर उद्योग में सबसे प्रसिद्ध नामों में से एक थीं, उन्हें 2010 में फोर्ब्स की ओर से 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में नॉमिनेट किया गया था. उन्हें प्रतिष्ठित पद्म भूषण के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था.
कैसे घिरीं चंदा कोचर
चंदा कोचर के खिलाफ 2017 में CBI ने जांच शुरू की. उनपर बैंक के प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका का दुरुपयोग करके वीडियोकॉन ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज को 3,250 करोड़ रुपये का लोन जारी करने का आरोप लगाया गया था. 2019 में, सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा कि कोचर उस मंजूरी समिति का हिस्सा थीं, जिसने वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को 300 करोड़ रुपये अलॉट किए, और फिर कंपनी ने उस लोन को नहीं चुकाया.
यही नहीं, सीबीआई ने चंदा कोचर पर वेणुगोपाल धूत, उनके पति दीपक कोचर के बीच हुए लेन-देन में शामिल होने का आरोप लगाया. वीडियोकॉन के लिए 300 करोड़ रुपये का लोन मंजूर होने के एक दिन बाद वीडियोकॉन ने कथित तौर पर दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया.